हर साल पूरी दुनिया में 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस (World Obesity Day 2023) के रूप में मनाया जाता है। बदलते लाइफस्टाइल और गलत तरीके के खानपान के कारण मोटापा आज एक आम समस्या या एक बीमारी बन गई है। मोटापे की समस्या से आज भारत समेत दुनिया के सभी देशों के लोग जूझ रहे हैं।
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इस साल विश्व मोटापा दिवस की थीम
इस साल विश्व मोटापा दिवस की थीम है “बदलते परिप्रेक्ष्य: चलो मोटापे के बारे में बात करते हैं।” इस थीम का उद्देश्य मोटापे से जुड़े कलंक को दूर करना और लोगों को सहयोग करने, चर्चा करने और समस्या का समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करना है।
वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की एक नई रिपोर्ट
विश्व मोटापा दिवस पर आई वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन (World Obesity Federation) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक साल 2035 तक दुनियाभर की आधी आबादी मोटापे की शिकार हो सकती है। इसका मतलब ये है कि सालल 2035 तक हर 4 में से 1 शख्स मोटापे का शिकार हो सकता है। करीब 51 फीसदी लोगों का वजन उनकी उम्र की तुलना में ज्यादा हो सकता है। इसके अलावा ये रिपार्ट बच्चों और किशोरों में बढ़ रहे मोटापे को लेकर काफी बड़ी चिंता जताती है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 और साल 2035 के बीच बच्चों में मोटापा 100 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।
विश्व मोटापा दिवस 2023: महत्व
विश्व मोटापा दिवस अभियान का लक्ष्य उन व्यावहारिक कार्यों को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना है जो मोटे रोगियों को विशेष रूप से और सामान्य रूप से लोगों को स्वस्थ शरीर के वजन को विकसित करने और बनाए रखने और दुनिया को प्रभावित करने वाले मोटापे के संकट को दूर करने में सक्षम बनाता है।
विश्व मोटापा दिवस: इतिहास
विश्व मोटापा दिवस 2015 में एक वार्षिक अभियान के रूप में स्थापित किया गया था जिसका लक्ष्य व्यावहारिक कार्यों को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना था जो लोगों को स्वस्थ वजन हासिल करने और बनाए रखने और वैश्विक मोटापे के संकट को दूर करने में मदद करेगा।