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विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस 30 जनवरी को मनाया गया

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विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस (World Neglected Tropical Diseases Day) हर साल 30 जनवरी को एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (neglected tropical diseases) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है ताकि हम उनके उन्मूलन की दिशा में प्रगति कर सकें। NTD संक्रमण का एक समूह है जो अफ्रीका, एशिया और अमेरिका के विकासशील क्षेत्रों में हाशिये पर रहने वाले समुदायों में सबसे सामान्य है। ये रोग विभिन्न प्रकार के रोगजनकों जैसे-वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोज़ोआ और परजीवी के कारण होते हैं।

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दिन का इतिहास:

 

पहला विश्व एनटीडी दिवस 30 जनवरी 2020 को आयोजित किया गया था। इस दिन को मान्यता देने का प्रस्ताव संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा किया गया था। 74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने 30 जनवरी को विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस (‘विश्व एनटीडी दिवस’) के रूप में मान्यता देने के निर्णय का समर्थन किया। विश्व एनटीडी दिवस 30 जनवरी 2012 को पहले एनटीडी रोड मैप और एनटीडी पर लंदन घोषणा के साथ-साथ लॉन्च की याद दिलाता है। उन देशों के लिए जहां उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (एनटीडी) प्रचलित हैं और भागीदारों के वैश्विक समुदाय के लिए, यह एक नई सुबह है।

 

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FAQs

भारत में उष्णकटिबंधीय वन कहाँ पाए जाते हैं?

उष्णकटिबंधीय वर्षा वन वर्ष भर के उच्च तापमान वाले क्षेत्र में ऊंचे पेड़ों वाला जंगल है जहां औसतन वार्षिक वर्षा 50 से 260 इंच होती है। उष्णकटिबंधीय वर्षावन भारी वर्षा वाले क्षेत्रों तक ही सीमित हैं। भारत में ऐसे क्षेत्र पश्चिमी घाट, असम के ऊपरी हिस्से, तमिलनाडु तट और लक्षद्वीप एवं अंडमान और निकोबार के द्वीप समूहों हैं।

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