मलेरिया (malaria) के कारणों और इसे कैसे रोका जा सकता है, इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) मनाया जाता है। यह दिन मलेरिया (malaria) के कारण होने वाली बीमारियों से लड़ने में स्वास्थ्य अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य लोगों के प्रयासों को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) पर हर साल मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूकता पैदा की जाती है।
इस वर्ष कोरोनावायरस महामारी के बीच, विश्व मच्छर दिवस 2021 का विषय “जीरो-मलेरिया लक्ष्य तक पहुंचना (Reaching the zero-malaria target)” है।
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कई अलग-अलग मच्छर हैं जो विभिन्न बीमारियों के लिए वैक्टर (vectors) के रूप में कार्य करते हैं। एडीज मच्छर (Aedes mosquitoes) चिकनगुनिया (chikungunya), डेंगू बुखार (dengue fever), लिम्फ़ेटिक फ़िलेरियेसिस (lymphatic filariasis), रिफ्ट वैली बुखार (rift valley fever), पीला बुखार (yellow fever) और ज़ीका (zika) का कारण बनते हैं। एनोफिलीज मलेरिया, लिम्फ़ेटिक फ़िलेरियेसिस (अफ्रीका में) का कारण बनता है।
दिन का इतिहास:
यह दिन 1897 में ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस (Sir Ronald Ross) द्वारा की गई खोज को भी याद करता है कि मादा मच्छर मनुष्यों के बीच मलेरिया फैलाती है। 1902 में, रॉस (Ross) ने चिकित्सा (Medicine) के लिए नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जीता, यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले ब्रिटिश व्यक्ति बन गए।
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