विश्व टीकाकरण सप्ताह 2024: 24 से 30 अप्रैल

प्रति वर्ष अप्रैल के अंतिम सप्ताह (24 से 30 अप्रैल) में ‘विश्व टीकाकरण सप्ताह’ के रूप में मनाया जाता है। 20वीं सदी के उत्तरार्ध का वैश्विक वैक्सीन अभियान, मानवता की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। टीकाकरण अभियानों ने हमें चेचक का उन्मूलन करने, पोलियो को लगभग समाप्त करने में सक्षम बनाया है।

 

विश्व टीकाकरण सप्ताह 2024 की थीम

इस वर्ष ‘विश्व टीकाकरण सप्ताह’ 2024 की थीम ‘मानवीय रूप से संभव: सभी के लिए टीकाकरण’ रखा गया है। जबकि गत वर्ष ‘विश्व टीकाकरण सप्ताह’ 2023 की थीम ‘द बिग कैच-अप’ थी।

 

विश्व टीकाकरण सप्ताह की शुरुआत

विश्व स्वास्थ्य सभा ने वर्ष 2012 में विश्व टीकाकरण सप्ताह की स्थापना की थी। उस समय इसे 180 से भी अधिक देशों में मनाया गया था। टीकाकरण सप्ताह पहले दुनिया भर में अलग-अलग समय पर आयोजित किया जाता था। हालाँकि, वर्तमान में इसे वैश्विक स्तर पर एक ही समय में मनाया जाता है।
फिर भी ‘यूरोपीय टीकाकरण सप्ताह’ प्रति वर्ष 21-27 अप्रैल तक मनाया जाता है। इसी तरह से भारत में प्रति वर्ष 22-29 अप्रैल तक ‘राष्ट्रीय शिशु टीकाकरण सप्ताह’ मनाया जाता है। इस कार्यक्रम का इतिहास और उत्पत्ति 18वीं शताब्दी में एडवर्ड जेनर के वैक्सीन आविष्कार से मानी जाती है।

 

भारत में 20 फीसदी बच्चे अब भी टीकों से वंचित

देश में प्रतिवर्ष 80 फीसदी लोगों तक टीकाकरण का लाभ पहुंचाया जा रहा है लेकिन अभी भी 20 फीसदी बच्चे टीकाकरण से दूर हैं। 2020 और 2021 में कोविड-19 के चलते टीकाकरण पर बहुत बुरा असर पड़ा। इस अवधि के दौरान लगभग 30 लाख बच्चे टीकाकरण से छूट गए, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों के अथक प्रयासों से जिला स्तर और ब्लॉक स्तर पर काम करते हुए इसमें काफी सुधार हुआ है।

यूनिसेफ की रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2023: फॉर एवरी चाइल्ड, वैक्सीनेशन’ के अनुसार, भारत में अब भी 27 लाख बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है। यह सिर्फ भारत की स्थिति नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2019 और 2021 के बीच दुनियाभर में टीकाकरण से वंचित बच्चों की संख्या 50 लाख तक पहुंच चुकी है।

 

टीकाकरण की आवश्यकता क्यों?

बच्चों के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा कवच टीकाकरण है। यह जानलेवा बीमारियों से बच्चों की रक्षा करता है और उनका इम्यून सिस्टम मजबूत बनाता है। टीकाकरण का इतिहास 100 वर्ष से भी पुराना है। टीकाकरण की अनवरत प्रक्रिया के कारण ही लाखों बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सका है।

सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए सरकार ने 2014 में मिशन इंद्रधनुष शुरू किया। इसके तहत देश में हर साल शून्य से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बीसीजी, पोलियो, न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन, हेपेटाइटिस बी, रोटावायरस वैक्सीन, खसरा व रूबेला (एमआर), जापानी एन्सेफलाइटिस, डिप्थीरिया, टिटनस इत्यादि के टीके दिए जा रहे हैं।

इसमें पेंटावेलेंट एक संयुक्त टीका भी दिया जाता है, जो डिप्थीरिया, टिटनस, पर्टुसिस, हीमोफिलस, इन्फ्लुएंजा टाइप बी संक्रमण और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों से बचाता है। भारत में मिशन इंद्रधनुष की वजह से टीकाकरण में 18.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी से 2014 में पोलियो से और 2015 में मातृ-नवजात टिटनेस से उन्मूलन कर पाए।

 

विश्व में 70 प्रतिशत टीकों का निर्माण भारत में

कोरोना महामारी में दुनिया, भारत की टीका निर्माण क्षमता का गवाह बनी। वहीं, भारत खसरा, बीसीजी, डिप्थीरिया, टिटनस और पर्टुसिस (डीपीटी) जैसी बीमारियों के टीकों का लंबे समय से उत्पादन कर रहा है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि दुनिया में 70 फीसदी बच्चे भारत निर्मित टीका ले रहे हैं।

टीका न लेने से बच्चों को जान का खतरा 90 फीसदी से भी अधिक बना रहता है। इन बच्चों में एंटीबॉडी विकसित नहीं हो पाती, जिससे इन्हें कुछ दिनों में ही निमोनिया जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह आगे चलकर यही जानलेवा हो जाता है। टीकाकरण बच्चों और वयस्कों के स्वास्थ्य की रक्षा करने का प्रभावी तरीका है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारत-वियतनाम ने नए समझौता ज्ञापन के साथ बौद्ध संबंधों को मजबूत किया

एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक और आध्यात्मिक पहल के तहत भारत और वियतनाम ने बुद्ध के सार्वभौमिक…

5 mins ago

महाराष्ट्र सरकार ने 300वीं जयंती पर अहिल्याबाई होल्कर पर बायोपिक बनाने की घोषणा की

भारत की सबसे श्रद्धेय शासकों में से एक को श्रद्धांजलि स्वरूप, महाराष्ट्र सरकार ने अहिल्याबाई…

18 mins ago

VoTAN: आतंकवाद के पीड़ितों के लिए एक वैश्विक सहायता नेटवर्क

संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-निरोधक कार्यालय (UNOCT) ने 28 अप्रैल 2025 को Victims of Terrorism Advocacy Network…

30 mins ago

SMLME 2025 दुबई में प्रमुख समुद्री घोषणाओं के साथ शुरू हुआ

11वां Seatrade Maritime Logistics Middle East (SMLME) सम्मेलन 6 मई 2025 को दुबई वर्ल्ड ट्रेड…

52 mins ago

अरुणाचल प्रदेश में पहला भूतापीय उत्पादन कुआं खोदा गया

पूर्वोत्तर भारत में स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए,…

1 hour ago

केंद्र ने नॉन-फेरस मेटल रिसाइक्लिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देने हेतु लॉन्च किया पोर्टल

भारत में सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप…

2 hours ago