विश्व मानव तस्करी निरोधक दिवस हर साल 30 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य मानव तस्करी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसे समाप्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को समर्थन देना है।
मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है जो मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना और उन्हें इस अपराध के प्रति संवेदनशील बनाना है। मानव तस्करी के शिकार लोगों की पहचान करना, उन्हें आवश्यक सहायता और समर्थन प्रदान करना। सरकारों और संगठनों द्वारा मानव तस्करी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों को मजबूती देना और नए उपायों को लागू करना है।
हर साल इस दिन की एक विशेष थीम होती है जो मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एक विशेष पहलू को उजागर करती है। थीम का चयन वर्तमान परिस्थितियों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है।
मानव तस्करी एक वैश्विक समस्या है जो लगभग हर देश में पाई जाती है। इस दिन का महत्व इसे वैश्विक स्तर पर पहचान देने में है। यह दिन मानवाधिकारों की रक्षा और सम्मान को बढ़ावा देने का काम करता है। विभिन्न देशों, संगठनों और समुदायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना ताकि मानव तस्करी को रोका जा सके। एकजुट होकर मानव तस्करी के खिलाफ लड़ना है और इसे समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2013 में इस दिन को विश्व मानव तस्करी निरोधक दिवस के रूप में घोषित किया। इसे वर्ष 2010 में एक एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान पारित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी के शिकार लोगों की सहायता करना और उनकी रक्षा करना था। यह दिवस विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी को समाप्त करने के लिए मनाया जाता है। मानव तस्करी “मानव गरिमा और शारीरिक अखंडता, मानवाधिकारों और विकास” के लिए एक गंभीर खतरा है।
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