विश्व बाल दिवस, जिसे हर वर्ष 20 नवंबर को मनाया जाता है, दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों, गरिमा और कल्याण को पहचानने और बढ़ावा देने का एक वैश्विक अवसर है। वर्ष 2025 में “माय डे, माय राइट्स” और “फॉर एवरी चाइल्ड, एवरी राइट” जैसे विषय बच्चों की आवाज़ों को केंद्र में रखते हैं, यह दर्शाते हुए कि बच्चे केवल भविष्य के नागरिक ही नहीं, बल्कि आज के अधिकार-संपन्न व्यक्ति हैं। पहली बार 1954 में मनाया गया यह दिवस संयुक्त राष्ट्र की एक पहल है, जो अब यूनिसेफ़ द्वारा संचालित एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। इसका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, और न्याय तक बच्चों की पहुँच सहित उनके समग्र कल्याण के लिए जागरूकता, कार्रवाई और वकालत को प्रोत्साहित करना है।
20 नवंबर की तिथि बेहद प्रतीकात्मक है। यह दो महत्वपूर्ण घोषणाओं को दर्शाती है—
1959: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा (Declaration of the Rights of the Child) को अपनाया, जिसमें बच्चों के साथ व्यवहार और उनकी भलाई के लिए बुनियादी मानकों को निर्धारित किया गया।
1989: बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCRC) को अपनाया गया — यह एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय संधि है जो बच्चों को स्वतंत्र व्यक्तित्व के रूप में उनके नागरिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के साथ मान्यता देती है।
UNCRC विश्व में सबसे अधिक, यानी 196 देशों द्वारा अनुमोदित मानवाधिकार संधि है।
इस वर्ष की दोहरी थीम—
“My Day, My Rights” (मेरा दिन, मेरे अधिकार)
“For Every Child, Every Right” (हर बच्चे के लिए, हर अधिकार)
इनका उद्देश्य बच्चों की आवाज़ को केंद्र में रखना है, यह दर्शाते हुए कि बच्चे केवल भविष्य के नागरिक नहीं हैं, बल्कि आज भी अपने अधिकारों वाले स्वतंत्र व्यक्ति हैं।
विश्व बाल दिवस 2025 का लक्ष्य है—
बच्चों और युवाओं की आवाज़ को नीतियों और निर्णयों में शामिल करना
शिक्षा, स्वास्थ्य, जलवायु कार्रवाई और डिजिटल सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में बच्चों के सुझावों को महत्व देना
UNICEF का आग्रह है कि बच्चों को “परिवर्तन के एजेंट” के रूप में देखा जाए, न कि केवल संरक्षण के लाभार्थी के रूप में।
काफी प्रगति के बावजूद, दुनिया भर में लाखों बच्चे अभी भी—
गरीबी
संघर्ष
शोषण
भेदभाव
जैसी समस्याओं का सामना करते हैं।
विश्व बाल दिवस का उद्देश्य है—
बकाया चुनौतियों पर विचार: बाल श्रम, स्कूल ड्रॉपआउट, बाल विवाह, कुपोषण, दुर्व्यवहार
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना
हर बच्चे के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना
मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक समर्थन पर ध्यान देना
UNICEF का स्पष्ट संदेश है:
बच्चे संपत्ति नहीं, दया के पात्र नहीं; वे स्वतंत्र अधिकारों और जिम्मेदारियों वाले व्यक्ति हैं।
विश्व बाल दिवस — 20 नवंबर
भारत में बाल दिवस — 14 नवंबर (पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती)
दोनों अलग-अलग कारणों से मनाए जाते हैं, लेकिन बच्चों के हित को केंद्र में रखते हैं।
दुनिया भर में इस दिन को मनाया जाता है—
स्कूल अभियानों और कला प्रतियोगिताओं के माध्यम से
युवाओं द्वारा संचालित संवाद, वाद-विवाद और कहानी सत्र
UNICEF के “Go Blue” अभियान के तहत प्रतिष्ठित इमारतों को नीली रोशनी में सजाने से
नीति चर्चाओं और सोशल मीडिया टेकओवर से
UNICEF × IFFI 2025 फिल्म प्रस्तुतियों के जरिए बच्चों की कहानियों और अधिकारों को प्रदर्शित कर
स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान या रैली में शामिल हों
बच्चों के लिए काम करने वाले संगठनों को सहयोग दें
बच्चों से संवाद करें और उनकी जरूरतों व विचारों को समझें
सोशल मीडिया पर #WorldChildrensDay और #ForEveryChild जैसे हैशटैग से जागरूकता बढ़ाएँ
विश्व बाल दिवस: 20 नवंबर
बाल अधिकारों की घोषणा: 1959
UNCRC की स्वीकृति: 20 नवंबर 1989
UNCRC को अनुमोदित करने वाले देश: 196
UNICEF की 2025 थीम: “My Day, My Rights” और “For Every Child, Every Right”
भारत में बाल दिवस: 14 नवंबर
UNCRC के मुख्य अधिकार: जीवित रहने का अधिकार, विकास का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, भागीदारी का अधिकार
UNICEF की स्थापना: 1946
UNICEF मुख्यालय: न्यूयॉर्क, USA
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