विश्व बैंक के ताजा अनुमानों के अनुसार, लगभग 56 मिलियन भारतीय 2020 में महामारी के परिणामस्वरूप अत्यधिक गरीबी में गिर गए होंगे, वैश्विक स्तर पर 71 मिलियन की वृद्धि हुई और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से गरीबी में कमी के लिए इसे सबसे खराब वर्ष बना दिया।
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विश्व बैंक ने ‘गरीबी एवं पारस्परिक समृद्धि रिपोर्ट’ जारी करते हुए कहा कि दूसरे देश को भी भारत से सबक लेना चाहिए। उन्हें भारत की तरह कदम उठाना चाहिए और गरीबों को सब्सिडी की बजाए नकद प्रत्यक्ष हस्तांतरण करना चाहिए। विश्व बैंक ने कहा कि महामारी की सबसे बड़ी कीमत गरीब लोगों को चुकानी पड़ी है।
वर्ल्ड बैंक के प्रमुख ने कहा कि महामारी के कारण गरीब देशों में गरीबी बढ़ गई। इन देशों में ऐसी अर्थव्यवस्थाएं सामने आईं जो अधिक अनौपचारिक हैं। ऐसी सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां सामने आईं जो कमजोर हैं और ऐसी वित्तीय प्रणालियां दिखीं, जो कम विकसित हैं। इसके बाद भी कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं ने महामारी काल में कामयाबी पाई।
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