विश्व बैंक और भारत ने देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली (Public Healthcare System) को सपोर्ट करने के लिए 500 मिलियन डॉलर के दो-दो पूरक लोन (Complementary Loans) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 1 बिलियन डॉलर के इस संयुक्त लोन का उपयोग वित्त पोषण के लिए होगा। विश्व बैंक भारत के प्रमुख प्रधान मंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) का समर्थन करेगा, ताकि देश भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।
विश्व बैंक के बयान के अनुसार, इस समझौते पर आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, रजत कुमार मिश्रा और अगस्टे तानो कौमे, (भारत, विश्व बैंक) के बीच हस्ताक्षर किए हैं। अगस्टे तानो कौमे (Auguste Tano Kome) ने कहा कि कोविड-19 ने दुनिया भर में महामारी की तैयारी और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में खर्च होगा। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने की तैयारी वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक भलाई है। इस लोन का लाभ देशभर के 7 राज्यों को मिलने जा रहा है। इसमें आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों में स्वास्थ्य सेवा वितरण (Public Healthcare) को प्राथमिकता दी जाएगी।
विश्व बैंक के अनुसार, समय के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत ने काफी सुधार किया है। भारत की जीवन प्रत्याशा (India life expectancy) अब बढ़ गई है। जो 1990 में 58 से ऊपर थी, जो साल 2020 में यह 69.8 पर आ गई है। यह देश के आय स्तर के औसत से अधिक है। अब 500 मिलियन डॉलर की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली महामारी तैयारी कार्यक्रम (PHSPP) का पता लगाने के लिए भारत की निगरानी प्रणाली तैयार करने के सरकार के प्रयासों का समर्थन कर रही है।
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