हर साल 2 अप्रैल को दुनिया भर में वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे मनाया जाता है। इस वर्ष 13 वां वार्षिक वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे मनाया जा रहा है। इस दिन को ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को इससे लड़ने तथा इसका निदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे समाज में अन्य लोगो की तरह पूर्ण और सार्थक जीवन जी सकें। वर्ष 2008 में 2 अप्रैल को पहला विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया गया था।
इस वर्ष के विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2020 का थीम ‘The Transition to Adulthood’ है। यह विषय ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों के वयस्कता की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
ऑटिज़्म, या ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD)
ऑटिज़्म, या ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) मस्तिष्क विकास में उत्पन्न बाधा संबंधी विकार है। ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति दूसरों से अलग स्वयं में खोया रहता है।व्यक्ति के विकास संबंधी समस्याओं में ऑटिज्म तीसरे स्थान पर है। अर्थात् व्यक्ति के विकास में बाधा पहुंचाने वाले मुख्य कारणों में ऑटिज्म भी जिम्मेदार है।ऑटिज्म के रोगी को मिर्गी के दौरे भी पड़ सकते हैं। ऑटिज्म पूरी दुनिया में फैला हुआ है। ऑटिज्म के लक्षण अक्सर पहले तीन वर्षों के दौरान बच्चे के माता-पिता द्वारा देखे जाते हैं। ये संकेत धीरे-धीरे विकसित होते हैं।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- संयुक्त राष्ट्र के महासचिव: एंटोनियो गुटेरेस.