विश्व कला दिवस हर साल 15 अप्रैल को मनाया जाता है, ताकि कला की सार्वभौमिक भाषा को सम्मान और पहचान दी जा सके। यह दिन महान चित्रकार लियोनार्डो दा विंची की जयंती को समर्पित है, जो रचनात्मकता, शांति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतीक माने जाते हैं। यह दिवस सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक एकता, भावनात्मक कल्याण और कलात्मक स्वतंत्रता में कला की भूमिका को उजागर करता है। इस दिवस की शुरुआत 2012 में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट (IAA) द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य कला शिक्षा को बढ़ावा देना और सभी विधाओं के कलाकारों को सम्मान देना है।
विश्व कला दिवस 2025
तिथि और संगठन
विश्व कला दिवस हर वर्ष 15 अप्रैल को मनाया जाता है। इसे इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट (IAA) द्वारा आरंभ किया गया था और पहली बार 2012 में मैक्सिको के ग्वाडलाजारा में मनाया गया। इस आयोजन में यूनेस्को की भी सहभागिता होती है। यह दिन महान कलाकार लियोनार्डो दा विंची की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
थीम 2025
2025 की थीम है: “एकता और उपचार के लिए कला” (Art for Unity and Healing)। इस वर्ष, कला के माध्यम से भावनात्मक कल्याण, सामाजिक सौहार्द और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इतिहास और उद्देश्य
इस दिन की अवधारणा वर्ष 2012 में IAA की आम सभा में प्रस्तावित की गई थी। इसका उद्देश्य कलात्मक स्वतंत्रता, सांस्कृतिक समावेशन, और कलाकारों के योगदान की सराहना करना है। लियोनार्डो दा विंची को इस दिन का प्रतीक चुना गया क्योंकि वे कला, विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देने वाले एक बहुप्रतिभाशाली व्यक्ति थे।
महत्त्व
यह दिवस विश्व भर के प्रसिद्ध और कम-ज्ञात कलाकारों को सम्मानित करता है। यह कला शिक्षा को समावेशी शिक्षा का एक अभिन्न हिस्सा मानता है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सांस्कृतिक कहानियों को आगे बढ़ाने में सहायक है। साथ ही यह चित्रकला, संगीत, नृत्य, लेखन, सिनेमा और डिजिटल कला जैसे सभी रूपों को प्रोत्साहित करता है।
कला के रूप
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दृश्य कला: चित्रकला, मूर्तिकला, वास्तुकला
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प्रदर्शन कला: संगीत, नृत्य, रंगमंच
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साहित्यिक कला: कविता, कहानी, लेखन
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आधुनिक कला: सिनेमा, डिजिटल आर्ट, ग्रैफिटी
कला और मानसिक स्वास्थ्य
कला तनाव कम करने, सहानुभूति बढ़ाने, और विविध समाजों में एकता को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाती है।
भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत
भारत की पारंपरिक कलाएं जैसे मधुबनी, वारली, कलिघाट और तंजावुर चित्रकला, तथा भरतनाट्यम, कथकली और कर्नाटिक संगीत विश्व प्रसिद्ध हैं।
प्रसिद्ध भारतीय कलाकारों में शामिल हैं:
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रवीन्द्रनाथ ठाकुर – नोबेल विजेता साहित्यकार और चित्रकार
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एम.एफ. हुसैन, एस.एच. रज़ा – आधुनिक चित्रकार
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अमृता शेरगिल, राजा रवि वर्मा, जमिनी रॉय, नंदलाल बोस – भारतीय कला के प्रमुख स्तंभ
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सत्यजीत रे – प्रख्यात फिल्म निर्देशक और कहानीकार
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मल्लिका साराभाई – नृत्य और रंगमंच में सामाजिक कार्यकर्ता
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भीमसेन जोशी – हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज
प्रसिद्ध कलाकारों के उद्धरण
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लियोनार्डो दा विंची: “कला कभी पूरी नहीं होती, केवल छोड़ दी जाती है।”
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विन्सेंट वैन गॉग: “मैं अपनी पेंटिंग का सपना देखता हूँ और अपने सपने को चित्रित करता हूँ।”
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क्लॉद मोने: “मुझे फूल चाहिए—हमेशा, और हमेशा।”
यह दिन कला की सार्वभौमिक भाषा को सम्मान देने, सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करने और मानवता में सौहार्द लाने का एक वैश्विक उत्सव है।
सारांश / स्थैतिक जानकारी | विवरण |
क्यों चर्चा में? | विश्व कला दिवस 2025: तिथि, थीम, महत्व |
कब मनाया जाता है | 15 अप्रैल |
शुरुआत की | इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट (IAA), 2012 |
समर्थनकर्ता संगठन | यूनेस्को (UNESCO) |
समर्पित है | लियोनार्डो दा विंची की जयंती को |
2025 की थीम | “एकता और उपचार के लिए कला” (Art for Unity and Healing) |
मुख्य उद्देश्य | कला, शिक्षा, मानसिक कल्याण और एकता को बढ़ावा देना |
प्रमुख कला रूप | चित्रकला, नृत्य, संगीत, सिनेमा, वास्तुकला, मूर्तिकला, डिजिटल कला |
प्रसिद्ध भारतीय कलाकार | रवीन्द्रनाथ टैगोर, एम.एफ. हुसैन, एस.एच. रज़ा, अमृता शेर-गिल, राजा रवि वर्मा, सत्यजीत रे, मल्लिका साराभाई, भीमसेन जोशी |
प्रसिद्ध उद्धरण | दा विंची, वान गॉग, मोने, शेर-गिल द्वारा |