संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर 2023 से शुरू होगा। यह 22 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सत्र में 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी।
गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए संसद का शीतकालीन सत्र काफी अहम माना जा रहा है। सरकार इस सत्र में कई अहम बिल पास करा सकती है। इसमें बिल मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित भी एक बिल जुड़ा हुआ है। दरअसल इस विधेयक के जरिए सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के दर्जे को कैबिनेट सचिव के बराबर करना चाहती है। अभी मौजूदा समय में उन्हें सर्वोच्च अदालत के जस्टिस के बराबर दर्जा मिला हुआ है।
आम तौर पर संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह से क्रिसमस (25 दिसंबर) से पहले समाप्त होता है। ऐसे में इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार भी इसकी तारीख 4 दिसंबर से 22 दिसंबर रखी गई है। लोकसभा चुनाव में जाने से पहले मोदी सरकार का सत्र काफी अहम होगा। इसमें जहां सरकार कई बिल पेश कराने की कोशिश कर सकती है तो वहीं हंगामे के भी आसार हैं।
इससे पहले मोदी सरकार सितंबर महीने में विशेष सत्र लेकर आई थी। जोकि 18 से 22 सितंबर तक बुलाया गया था हालांकि 21 सितंबर को ही संसद की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सत्र में सरकार ने नारी शक्ति वंदन विधेयक को पास कराया।
संसद के किसी सत्र को बुलाने की शक्ति सरकार के पास है। इस पर निर्णय संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाता है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है। भारत में कोई निश्चित संसदीय कैलेंडर नहीं है। संसद के एक वर्ष में तीन सत्र होते हैं।
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