विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) डॉ. के. रामचंद, जो एक प्रतिष्ठित एयरोस्पेस इंजीनियर और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के तहत सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स (CABS) के पूर्व निदेशक थे, का 17 जनवरी, 2025 को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र में उनके अग्रणी योगदानों ने अमिट छाप छोड़ी है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डॉ. रामचंद ने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री और पीएचडी प्राप्त की। उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता को IISc से ‘डिस्टिंग्विश्ड अलुमनी अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।
भारतीय वायुसेना में करियर
भारतीय वायुसेना (IAF) में दो दशकों से अधिक समय तक सेवा देने वाले डॉ. रामचंद, कम्युनिकेशंस स्क्वाड्रन के सदस्य थे और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के परिवहन से जुड़ी मिशनों में भाग लिया। उनके समर्पण और कौशल को उनके पूरे कार्यकाल में सराहा गया।
CABS में नेतृत्व
2002 में डॉ. रामचंद को CABS के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान के स्वदेशी डिजाइन और विकास का नेतृत्व किया। यह प्रणाली 2017 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुई और 2019 के बालाकोट हवाई हमले के दौरान मिराज 2000 लड़ाकू विमानों को वायु सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लेखन और मान्यता
डॉ. रामचंद ने ‘The Incredible Journey of the Indian AWACS’ नामक पुस्तक लिखी, जिसमें AEW&C विमान के विकास की कहानी को विस्तार से बताया गया। यह पुस्तक एरो इंडिया 2019 में जारी की गई। उनकी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में योगदानों को IISc से ‘डिस्टिंग्विश्ड अलुमनी अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया।
व्यक्तिगत जीवन और धरोहर
डॉ. रामचंद एक शौकिया गोल्फर थे और वे अपनी पत्नी मीरा रामचंद और बेटियों श्रीलता और राम्या के साथ जीवित हैं। उनका अंतिम संस्कार बेंगलुरु के विल्सन गार्डन श्मशान में सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनका एयरोस्पेस क्षेत्र में योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
समाचार में क्यों | मुख्य बिंदु | संबंधित जानकारी |
विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) डॉ. के. रामचंद का निधन | डॉ. के. रामचंद, CABS के पूर्व निदेशक, 17 जनवरी 2025 को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गए। | विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) डॉ. के. रामचंद |
एयरोस्पेस में योगदान | एयरबोर्न अर्ली वार्निंग और कंट्रोल (AEW&C) विमान के विकास का नेतृत्व किया। | AEW&C प्रणाली 2017 में IAF में शामिल हुई। |
सैन्य करियर | भारतीय वायुसेना में सेवा दी और प्रमुख मिशनों में भाग लिया। | IAF, कम्युनिकेशंस स्क्वाड्रन। |
शैक्षिक पृष्ठभूमि | IISc, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री और पीएचडी प्राप्त की। | IISc – भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु। |
लेखक | ‘The Incredible Journey of the Indian AWACS’ पुस्तक लिखी। | पुस्तक एरो इंडिया 2019 में जारी हुई। |
मान्यता | IISc से ‘डिस्टिंग्विश्ड अलुमनी अवार्ड’ से सम्मानित। | IISc अलुमनी अवार्ड। |
व्यक्तिगत जीवन | पत्नी मीरा रामचंद और बेटियाँ श्रीलता और राम्या के साथ जीवित हैं। | व्यक्तिगत विवरण। |
अंतिम संस्कार | बेंगलुरु में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। | विल्सन गार्डन श्मशान, बेंगलुरु। |