भारत-पाकिस्तान सीमा पर जैसलमेर में गणतंत्र दिवस से पहले, सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने किसी भी संभावित घुसपैठ के प्रयासों को रोकने के लिए अपनी चौकसी बढ़ा दी है। BSF ने 22 जनवरी से “ऑपरेशन सर्द हवा” नामक एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सर्दी के मौसम में घने कोहरे के कारण होने वाली दृश्यता में कमी का लाभ उठाकर घुसपैठ प्रयासों को विफल करना है। यह ऑपरेशन 29 जनवरी तक जारी रहेगा, और इस दौरान सीमा सुरक्षा को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
“ऑपरेशन सर्द हवा” का उद्देश्य और दायरा
ऑपरेशन सर्द हवा का मुख्य उद्देश्य किसी भी घुसपैठ के प्रयासों को विफल करना है, क्योंकि सर्दी के मौसम में कोहरे और धुंध की स्थिति ऐसे प्रयासों के लिए आदर्श बनाती है। BSF कमांडेंट हरबंस सिंह ने कहा कि यह ऑपरेशन BSF की नियमित सुरक्षा उपायों का हिस्सा है, जिसमें गर्मी के महीनों में “ऑपरेशन गर्म हवा” भी शामिल है, जो सीमा पर चौकसी सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। जबकि ऑपरेशन गर्म हवा गर्मी और कठिन मौसम की चुनौतियों का समाधान करता है, ऑपरेशन सर्द हवा विशेष रूप से सर्दियों के कोहरे के कारण दृश्यता में कमी से निपटने के लिए तैयार किया गया है, जिससे सीमा पर घुसपैठ का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
इस ऑपरेशन के दौरान, BSF सीमा पर निगरानी के लिए अत्याधुनिक हथियारों और तकनीकी उपकरणों का उपयोग करेगी। इन तकनीकों का उपयोग घने कोहरे में पारंपरिक निगरानी विधियों की तुलना में अधिक प्रभावी तरीके से अनधिकृत प्रवेश को रोकने में किया जाएगा।
तैनाती और गश्त में वृद्धि
ऑपरेशन के तहत, BSF ने सीमा पर अपनी उपस्थिति और गश्त बढ़ा दी है। BSF के विभिन्न सेक्टरों से सैनिकों और अधिकारियों को महत्वपूर्ण सीमा चौकियों पर तैनात किया गया है। सभी कर्मियों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है, जिससे वे किसी भी सुरक्षा खतरे का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार रहें। इसके अलावा, आधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा ताकि कर्मी घने कोहरे के बीच भी संदिग्ध गतिविधियों का पता लगा सकें।
BSF पैदल, वाहनों और ऊंटों के जरिए भी गश्त करेगी। ऊंट गश्त विशेष रूप से उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जहां कठिन भूभाग के कारण वाहनों से पहुंचना मुश्किल होता है। यह तरीका पिछले अभियानों में प्रभावी साबित हुआ है और यह सुनिश्चित करेगा कि सीमा के अज्ञेय क्षेत्रों की भी पूरी निगरानी की जाए।
खुफिया जानकारी और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय
ऑपरेशन सर्द हवा की सफलता केवल शारीरिक गश्त पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसमें खुफिया जानकारी जुटाने के नेटवर्क की कुशलता भी महत्वपूर्ण है। BSF का खुफिया विभाग अन्य खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर सीमा क्षेत्र में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखेगा। इस सहयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर जानकारी का अनुसरण किया जाए और किसी भी सुरक्षा खतरे को बढ़ने से पहले ही नष्ट किया जा सके।
इसके अलावा, BSF आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके निरंतर निगरानी करेगी, जिसमें ड्रोन और नाइट विजन उपकरण शामिल हैं, जो दिन और रात दोनों समय सीमा पर स्पष्ट दृश्यता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
सीमा पर गश्त और चौकसी
ऑपरेशन का एक प्रमुख हिस्सा सीमा पर हर समय गश्त करना है, जिसमें BSF के अधिकारी और सैनिक सीमा के बाड़े के पास लगातार मौजूद रहेंगे। इस ऑपरेशन के दौरान, सभी कर्मी सीमा पर निगरानी और सुरक्षा बनाए रखने में सक्रिय रूप से लगे रहेंगे। गश्त टीम दिन और रात दोनों शिफ्टों में काम करेगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि घुसपैठियों को कोई भी राहत न मिले।
सीमा पर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, BSF अतिरिक्त मानव संसाधन को तैनात करेगी, जिससे सभी रणनीतिक स्थानों पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सैनिकों को महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया जाएगा, जिससे व्यापक सुरक्षा कवरेज बनी रहे और संभावित घुसपैठियों के लिए एक निवारक रूप से प्रभावी उपस्थिति बनी रहे।
ऑपरेशन सर्द हवा के मुख्य उद्देश्य और रणनीतिक महत्व
ऑपरेशन सर्द हवा के मुख्य उद्देश्य कई हैं, जिनमें सीमा पर सुरक्षा और निगरानी को मजबूत करना शामिल है:
- सुरक्षा को मजबूत करना: BSF ने सीमा पर हथियारों और मानव संसाधनों की तैनाती में वृद्धि की है। यह बढ़ी हुई उपस्थिति घुसपैठियों के लिए सीमा सुरक्षा को पार करना और भी कठिन बना देगी।
- सैनिकों की तैनाती में वृद्धि: सीमा पर तैनात सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है, और आधुनिक उपकरणों के समर्थन से अतिरिक्त कर्मी सीमा की लगातार और चौकस निगरानी में मदद करेंगे।
- निगरानी और खुफिया जानकारी: घुसपैठ के प्रयासों को पहचानने और विफल करने के लिए निगरानी और खुफिया प्रणाली को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है।
- सीमा पर प्रभुत्व: ऑपरेशन यह सुनिश्चित करता है कि BSF दिन और रात दोनों समय सीमा पर मौजूद रहे, जिससे घुसपैठियों के लिए निवारक और सक्रिय सुरक्षा उपाय के रूप में काम किया जा सके।