ब्रिटिश शासन से देश की आजादी की याद में हर 15 अगस्त को लाल किले पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। लाल किला कभी मुगल साम्राज्य की सीट थी, और यह यहां से था कि ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार ने 200 से अधिक वर्षों तक भारत पर शासन किया था। 15 अगस्त, 1947 को, भारत ने अंततः अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की, और भारत के प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यह क्रिया भारत की नई स्थिति को एक स्वतंत्र और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में प्रतिनिधित्व करती है।
तब से भारत के प्रधानमंत्री ने हर साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया है। प्रधानमंत्री लाल किले की परपर्टियों से भाषण देते हैं, सरकार के भविष्य की योजनाओं को बताते हैं और भारत की गणराज्यता और धर्मनिरपेक्षता के प्रति पुनः पुष्टि करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज का फहराना भारत के स्वतंत्रता के सफर की याद दिलाता है, और यह देश की उम्मीद का प्रतीक है कि उसका भविष्य और भी उज्ज्वल होगा।
लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना भारतीय राष्ट्र के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह उत्सव, प्रतिबिंब और आशा का समय है। यह भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य की याद दिलाता है।
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