Budget 2025 : जानें बजट से पहले क्‍यों आता होता है आर्थिक सर्वेक्षण?

केंद्रीय बजट भारत के वित्तीय कैलेंडर की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है, जो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की राजस्व और व्यय योजनाओं को निर्धारित करता है। हालांकि, बजट पेश किए जाने से पहले एक और महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी किया जाता है: आर्थिक सर्वेक्षण। यह व्यापक रिपोर्ट पिछले वर्ष की भारत की आर्थिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है और केंद्रीय बजट को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नीति निर्धारकों, व्यवसायों, निवेशकों और आम नागरिकों के लिए आर्थिक सर्वेक्षण को समझना आवश्यक है, क्योंकि यह सरकार की वित्तीय रणनीति की रूपरेखा तैयार करता है।

आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?

आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार की जाने वाली एक विस्तृत रिपोर्ट है। यह भारत की आर्थिक प्रगति का लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है और जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति, रोजगार प्रवृत्तियों, राजकोषीय घाटे जैसे प्रमुख संकेतकों का विश्लेषण करता है। इसके अलावा, यह उभरते आर्थिक अवसरों और चुनौतियों पर प्रकाश डालता है, जिससे नीति-निर्माण के लिए एक डेटा-आधारित आधारशिला रखी जाती है।

आर्थिक सर्वेक्षण में विश्लेषण किए जाने वाले प्रमुख संकेतक

  • जीडीपी वृद्धि: देश के आर्थिक उत्पादन और वित्तीय स्वास्थ्य का आकलन करता है।
  • मुद्रास्फीति दर: वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में परिवर्तन को मापता है, जो क्रय शक्ति को प्रभावित करता है।
  • रोजगार प्रवृत्तियां: रोजगार सृजन, बेरोजगारी दर और श्रम बाजार की स्थितियों की निगरानी करता है।
  • राजकोषीय घाटा: सरकार के राजस्व और व्यय के बीच की खाई का आकलन करता है।
  • क्षेत्रीय प्रदर्शन: कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों की प्रगति का विश्लेषण करता है।
  • सामाजिक एवं अवसंरचना विकास: स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में प्रगति की समीक्षा करता है।
  • बाहरी कारक: व्यापार संतुलन, विदेशी मुद्रा भंडार और वैश्विक आर्थिक प्रभावों का अध्ययन करता है।

आर्थिक सर्वेक्षण की संरचना

आर्थिक सर्वेक्षण को दो भागों में विभाजित किया जाता है:

  • भाग ए: इसमें समष्टि-आर्थिक प्रवृत्तियों, राजकोषीय विकास और विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • भाग बी: इसमें गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरणीय मुद्दों जैसे सामाजिक-आर्थिक विषयों पर चर्चा की जाती है, साथ ही वित्तीय अनुमानों को भी प्रस्तुत किया जाता है।

आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय बजट से पहले क्यों प्रस्तुत किया जाता है?

आर्थिक सर्वेक्षण को बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है, जिससे निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • विस्तृत आर्थिक संदर्भ: यह देश की आर्थिक स्थिति का व्यापक आकलन प्रदान करता है, जिससे बजट निर्णय अद्यतन डेटा पर आधारित होते हैं।
  • मुख्य मुद्दों की पहचान: सर्वेक्षण रोजगार, मुद्रास्फीति और क्षेत्रीय कमजोरियों जैसी चुनौतियों को उजागर करता है, ताकि सरकार इन्हें बजट में संबोधित कर सके।
  • नीति चर्चा को बढ़ावा देना: सर्वेक्षण के जारी होने से सांसदों, अर्थशास्त्रियों और अन्य हितधारकों को बजटीय आवंटन पर सूचित चर्चाएं करने का अवसर मिलता है।
  • वित्तीय रणनीति का मार्गदर्शन: सर्वेक्षण की सिफारिशें और नीतिगत सुझाव सरकार की वित्तीय प्राथमिकताओं और व्यय योजनाओं को आकार देने में मदद करते हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण का इतिहास

आर्थिक सर्वेक्षण को पहली बार 1950-51 में केंद्रीय बजट दस्तावेजों के भाग के रूप में पेश किया गया था। 1964 में इसे बजट से अलग कर दिया गया और तब से यह स्वतंत्र रूप से प्रस्तुत किया जाता है, आमतौर पर बजट सत्र के दौरान बजट से एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है। वर्षों में, यह सर्वेक्षण आर्थिक विश्लेषण और नीति निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है।

आर्थिक सर्वेक्षण कौन तैयार करता है?

आर्थिक सर्वेक्षण को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग (Economic Division) द्वारा तैयार किया जाता है। इसका नेतृत्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) करते हैं। अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों की एक टीम विभिन्न सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से डेटा एकत्र कर इस रिपोर्ट को संकलित करती है। तैयार होने के बाद, इसे वित्त मंत्री (वर्तमान में निर्मला सीतारमण) संसद में प्रस्तुत करती हैं। इसके बाद, मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर प्रमुख निष्कर्षों पर चर्चा करते हैं और सवालों के जवाब देते हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सरकार की आर्थिक नीतियों की दिशा तय करता है। यह दस्तावेज़ भारत की आर्थिक स्थिति को बेहतर ढंग से समझने और आगामी बजटीय निर्णयों के लिए मजबूत आधार तैयार करने का कार्य करता है।

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vikash

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