देश की थोक मुद्रास्फीति (WPI) जुलाई में सालाना आधार पर घटकर -1.36 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं, जून में यह -4.12 प्रतिशत पर थी। सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मासिक आधार पर डब्ल्यूपीआई इंडेक्स 1.95 फीसदी पर रहा। वाणिज्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “जुलाई, 2023 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खनिज तेलों, बुनियादी धातुओं, रसायन व रासायनिक उत्पादों, कपड़ा और खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण आई है।”
खाद्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून में 1.24 प्रतिशत की गिरावट के बाद सालाना आधार पर बढ़कर 7.75 प्रतिशत पर पहुंच गई। मासिक आधार पर, खाद्य सूचकांक मुद्रास्फीति जुलाई में 7.13 प्रतिशत बढ़ी, जिसमें मई 2023 में 0.63% की कमी दर्ज की गई थी प्रतिशत और जून में यह 1.33% था।
ईंधन और बिजली खंड की महंगाई दर जुलाई में (-)12.79 फीसदी रही, जो जून में (-)12.63 फीसदी थी। विनिर्मित उत्पादों की महंगाई दर मई में (-)2.51 फीसदी रही। जून में यह (-)2.71 फीसदी थी। आरबीआई ने खाद्य वस्तुओं के दाम के कारण उत्पन्न दबाव का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में महंगाई दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है जो पहले के 5.2 फीसदी के अनुमान से ज्यादा है।
जुलाई में फूड आर्टिकल्स की महंगाई दर कुल 14.25 फीसदी पर रही है जो इस बात का साफ संकेत है कि खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। दालों की महंगाई दर 9.59 फीसदी पर रही है। इसके अलावा सब्जियों की महंगाई दर देखें तो ये आसमान पर रही है। इस बार सब्जियों की महंगाई दर कुल 62.12 फीसदी पर रही है।
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