पश्चिम बंगाल ने ‘डोल उत्सव (Dol Utsav)’ या ‘डोल जात्रा (Dol Jatra)’, रंगों का त्योहार मनाया, जो वसंत के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है और पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह बंगाली कैलेंडर के अनुसार वर्ष का अंतिम त्योहार भी है। भारत के पूर्वी क्षेत्र में, वसंत का त्योहार डोल जात्रा, डोल पूर्णिमा, डोल उत्सव और बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है। राजसी त्योहार दूसरों पर ‘गुलाल’ या ‘अबीर’ फेंककर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गाकर और नृत्य करके मनाया जाता है।
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