वयोवृद्ध मलयालम कवि और विद्वान पुथुसेरी रामचंद्रन का निधन हो गया है। ‘ओन्नान्यथ्युकट्टम’ उनकी पहली कविता थी, जो 1944 में प्रकाशित की गयी थी। उनकी काव्य रचनाएँ केरल के प्रारंभिक इतिहास के साथ-साथ प्रारंभिक और मध्ययुगीन मलयालम भाषा के गहन अध्ययन पर केंद्रित थीं। उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न भूमिकाएँ निभाईं जैसे कि शिक्षक, कवि, लेखक और साथ ही एक समय में एक राजनीतिक कार्यकर्ता। उन्हें उनके अथक प्रयासों के लिए भी जाना जाता है जिसके कारण 2013 में मलयालम को अंततः केंद्र सरकार द्वारा एक शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी।
वयोवृद्ध कवि पुथुसेरी रामचंद्रन का निधन
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