वयोवृद्ध साहित्यिक प्रफुल्ल दास का निधन हो गया है, वह 91 वर्ष के थे. उन्होंने उड़ीसा भाषा में काम किया है. साहित्यिक क्षेत्र में उनकी उपलब्धि के लिए वे प्रतिष्ठित “सरला पुरस्कार” के प्राप्तकर्ता थे.
स्वतंत्रता सेनानी मालती चौधरी की जीवनी ‘बनहिमा’ के लिए उन्हें 2014 में सरला पुरस्कार प्राप्त हुआ.
स्रोत – बिज़नस स्टैण्डर्ड