मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन का कार्यकाल मार्च 2027 तक बढ़ा

भारत सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंथा नागेश्वरन के कार्यकाल को मार्च 2027 तक बढ़ा दिया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा अनुमोदित किया गया। नागेश्वरन ने सरकार की आर्थिक नीतियों को दिशा देने और वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका विस्तारित कार्यकाल ऐसे समय में आया है जब देश की आर्थिक वृद्धि धीमी होने की आशंका जताई जा रही है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, FY26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% रहने का अनुमान है।

महत्वपूर्ण बिंदु

कार्यकाल विस्तार:

वी. अनंथा नागेश्वरन मार्च 2027 तक मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्यरत रहेंगे।

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25:

नागेश्वरन ने FY26 के लिए 6.3% से 6.8% जीडीपी वृद्धि का अनुमान प्रस्तुत किया।

आर्थिक स्थिति:

सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि घटकर 5.4% हो गई, जिससे आर्थिक मंदी की चिंताएँ बढ़ीं

वैश्विक आर्थिक जोखिम:

नागेश्वरन ने वैश्विक शेयर बाजारों में अस्थिरता और बाहरी आर्थिक कारकों के प्रभाव को उजागर किया।

दीर्घकालिक विकास पर जोर:

उन्होंने नौकरी निर्माण और आर्थिक संरचनात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए सतत आर्थिक वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया।

पूर्व भूमिकाएँ:

नागेश्वरन इससे पहले क्रेडिट सुइस, जूलियस बेयर जैसे वित्तीय संस्थानों में काम कर चुके हैं और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PM-EAC) के सदस्य भी रह चुके हैं।

सरकार का विश्वास:

सरकार द्वारा उनका कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय उनके विशेषज्ञता और आर्थिक नीतियों में योगदान पर भरोसे को दर्शाता है।

निष्कर्ष: वी. अनंथा नागेश्वरन की शैक्षणिक और कॉर्पोरेट अनुभव की पृष्ठभूमि और आर्थिक नीतियों के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका उन्हें भारत के आर्थिक भविष्य के लिए एक प्रमुख व्यक्तित्व बनाती है।

सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? वी. अनंथा नागेश्वरन का मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के रूप में कार्यकाल मार्च 2027 तक बढ़ाया गया
कार्यकाल विस्तार वी. अनंथा नागेश्वरन का कार्यकाल मार्च 2027 तक विस्तारित
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 FY26 में जीडीपी वृद्धि 6.3%-6.8% रहने का अनुमान
हालिया आर्थिक वृद्धि सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि 5.4% (पिछले दो वर्षों में सबसे धीमी)।
वैश्विक आर्थिक जोखिम वैश्विक शेयर बाजारों में अस्थिरता और बाहरी कारकों का आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव
नागेश्वरन की भूमिका आर्थिक नीतियों के प्रमुख सलाहकार, आर्थिक सर्वेक्षण तैयार करने और केंद्रीय बजट प्रस्तावों को आकार देने में अहम भूमिका।
पिछले पद क्रेडिट सुइस, जूलियस बेयर में कार्यरत रहे, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PM-EAC) के सदस्य रहे, सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी में अकादमिक पदों पर कार्य किया।
नागेश्वरन का मुख्य ध्यान सतत दीर्घकालिक वृद्धि, संरचनात्मक आर्थिक चुनौतियों का समाधान और रोजगार सृजन
विस्तार की स्वीकृति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूरी
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

3 hours ago

S-500 मिसाइल सिस्टम: फीचर्स, रेंज, स्पीड, तुलना और भारत की दिलचस्पी

रूस की S-500 मिसाइल प्रणाली, जिसे आधिकारिक रूप से 55R6M “ट्रायंफेटर-M” या प्रोमेतेय कहा जाता…

4 hours ago

RBI मौद्रिक नीति दिसंबर 2025: दरों में कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZL के तहत भारत की मौद्रिक नीति समिति…

5 hours ago

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी 2026 तक गुरुग्राम में अपना पहला भारतीय कैंपस खोलेगी

भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…

5 hours ago

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

6 hours ago

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

7 hours ago