उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने देहरादून में ‘दूध मूल्य प्रोत्साहन योजना (Milk Price Incentive Scheme)’ शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य उत्तराखंड के लगभग 53,000 लोगों को लाभान्वित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में 500 दूध बिक्री केंद्र खोलने के लिए 444.62 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है। यह एक डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (Direct Bank Transfer – DBT) योजना है, इस योजना के तहत राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में उनके लिंक किए गए बैंक खातों के माध्यम से जाएगी।
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देहरादून जिले में दूध उत्पादन और खपत पूरी तरह से विरोधाभासी है। एक तरफ जहां सरकार दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के कई प्रयास कर रही है, वहीं उत्पादों को बढ़ावा देने के सरकार के सभी दावे फर्जी साबित हो रहे हैं. हजारों घंटे की मशक्कत के बाद भी मांग के मुताबिक दूध नहीं बनता है।
सरकार राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- गंगा गाय योजना : सरकार द्वारा गंगा गाय योजना और 3-4 रुपये प्रति लीटर दूध की प्रोत्साहन राशि की भी घोषणा की गई ताकि दूध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके और खपत को समय पर पूरा किया जा सके।
- कामधेनु योजना: इस योजना की शुरुआत यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी की गई थी। यद्यपि उत्तराखंड में सामान्य किसानों के लिए 25% सब्सिडी और नाबार्ड के तहत डेयरी के लिए 6 लाख रुपये तक के ऋण पर एससी-एसटी के लिए 33% सब्सिडी का प्रावधान था, लेकिन ज्ञान की कमी के कारण किसानों ने इसका लाभ नहीं उठाया।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- उत्तराखंड की राजधानियाँ: देहरादून (शीतकालीन), गैरसैंण (ग्रीष्मकालीन);
- उत्तराखंड राज्यपाल: लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह;
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री: पुष्कर सिंह धामी।