उत्तर प्रदेश सरकार अगले पांच वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और आईटी-सक्षम सेवाओं (आईटीईएस) क्षेत्रों में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए लगभग 33,500 करोड़ रुपये (लगभग 4 बिलियन डॉलर) का महत्वपूर्ण निवेश करने जा रही है। इस योजना का लक्ष्य पांच प्रमुख शहरों: नोएडा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज (इलाहाबाद) में प्रौद्योगिकी केंद्र विकसित करके इन क्षेत्रों में दस गुना वृद्धि करना है।
शहर-विशिष्ट फोकस क्षेत्र
- नोएडा: एक प्रमुख आईटी और आईटीईएस हब के रूप में नामित, अपने स्थापित वैश्विक आईटी पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाते हुए।
- लखनऊ: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) में उन्नति के लिए लक्षित।
- कानपुर: ड्रोन और रोबोटिक्स का केंद्र बनना।
- वाराणसी और प्रयागराज: इंजीनियरिंग अनुसंधान और विकास (ईआरएंडडी) पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
रणनीतिक निवेश और वैश्विक भागीदारी
योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के एआई और ड्रोन क्षेत्रों से जुड़ने के लिए खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) सहित वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रणनीति विकसित कर रही है। इसके अतिरिक्त, आईटी कंपनियों को उद्योग का दर्जा देने की योजना है, जिससे उन्हें औद्योगिक बिजली शुल्क का लाभ मिल सके। यह पहल उत्तर प्रदेश के आईटी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी फर्मों को आकर्षित करने के सरकार के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।