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उत्तर प्रदेश पांच करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने वाला देश का पहला राज्य बना

उत्तर प्रदेश पांच करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने वाला देश का पहला राज्य बना |_3.1

उत्तर प्रदेश आयुष्‍मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना के तहत पांच करोड़ आयुष्‍मान कार्ड जारी करने वाला देश का पहला राज्‍य बन गया है। प्रदेश सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार राज्‍य में पांच करोड़ 17 हजार नौ सौ बीस आयुष्‍मान कार्ड जारी किए गए हैं। इनसे सात करोड़ 43 लाख 82 हजार तीन सौ चार लोगों को लाभ मिला है।

इस योजना के पैनल में राज्‍य में कुल तीन हजार सात सौ 16 अस्‍पताल शामिल हैं। आयुष्‍मान भारत योजना के तहत कुल 34 लाख 81 हजार दो सौ 52 स्‍वास्‍थ दावे दाखिल किए गए। इनमें से 32 लाख 75 हजार सात सौ 37 दावे निपटा दिए गए हैं। राज्‍य में स्‍वास्‍थ दावा निपटान दर 92 दशमलव चार-आठ प्रतिशत है।

 

नि:शुल्‍क उपचार कराने वाले रोगियों की संख्‍या में वृद्धि

इस योजना के तहत रोजाना नि:शुल्‍क उपचार कराने वाले रोगियों की संख्‍या में महत्‍वपूर्ण वृद्धि हो रही है। पहले रोजाना औसतन दो हजार रोगी इस योजना के तहत अस्‍पताल में भर्ती होते थे, जो अब बढ़कर लगभग आठ हजार प्रति दिन तक पहुंच गए हैं।

 

स्वास्थ्य सेवा पहुंच में अयोध्या का योगदान

भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में 837700 लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड जारी किये गये हैं। यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आयुष्मान भारत योजना की पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है। जिले में 19 निजी अस्पतालों और 16 सरकारी अस्पतालों द्वारा इस योजना का लाभ प्रदान करने से, अयोध्या के निवासियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ गई है।

 

स्वास्थ्य सेवा पहुंच की दिशा में सामुदायिक प्रयास

पंचायत सहायक, कोटेदार और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर निवासियों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अतिरिक्त, पात्र लाभार्थी अपने कार्ड अपने गांव के ग्राम पंचायत भवन से प्राप्त कर सकते हैं। इन समुदाय-संचालित प्रयासों ने उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना की सफलता में योगदान दिया है।

FAQs

आयुष्मान कार्ड में कौन कौन सी बीमारी आती है?

योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हृदय रोग, डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया डायलिसिस, घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण, नि:संतानता, मोतियाबिंद और अन्य चिह्नित गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार इस योजना के तहत किया जाता है।

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