उत्तर प्रदेश सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये के 154 से अधिक रक्षा विनिर्माण सौदे हासिल किए हैं, जो भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये पहल उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (UPDIC) का हिस्सा हैं, जो लखनऊ, कानपुर, झांसी, अलीगढ़, चित्रकूट और आगरा जिलों में फैला हुआ है।
प्रमुख परियोजनाएँ और निवेश
इस गलियारे से 40,000 नए रोजगार सृजित होंगे और औद्योगिक विकास के लिए 1,700 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। अडानी डिफेंस, ब्रह्मोस एयरोस्पेस और टाटा टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियाँ लगभग 8,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में निवेश करने वाले प्रमुख हितधारकों में से हैं।
सामरिक महत्व
इन प्रयासों का उद्देश्य रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाना और भारत के रक्षा निर्यात में योगदान देना है, जिसमें पिछले वर्ष 32% से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। अमेठी में कलाश्निकोव AK-203 राइफल असेंबली और लखनऊ में आगामी ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण सुविधा जैसी परियोजनाएँ भारत के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में उत्तर प्रदेश की भूमिका को और मजबूत करती हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
वर्तमान में चल रहे समझौता ज्ञापनों और पाइपलाइन में अतिरिक्त सौदों के साथ, उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और अपने वैश्विक रक्षा निर्यात पदचिह्न का विस्तार करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने के लिए तैयार है।