भारत और अमेरिका के बीच पहली बार वाशिंगटन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की सबसे बड़ी बैठक ‘इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी’ (आइसीईटी) हो रही है। इसका आयोजन यूएस-इंडिया बिजिनसे काउंसिल (यूएसआइबीसी) की ओर से कराया जा रहा है। इसके तहत भारत और अमेरिका 6 ऐसे बड़े बिंदुओं पर काम करने वाले हैं, जिसका लाभ पूरी दुनिया को मिलेगा है। हालांकि इस गोलमेज सम्मेलन को लेकर चीन बहुत बड़ी चिंता में पड़ गया है, क्योंकि भारत और अमेरिका की आइसीईटी की रणनीति चीन जैसे चालबाज देशों की चाल को ध्वस्त करने का काम करेगी। अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार सुलिवन ने कहा है कि आइसीईटी से भारत के साथ अमेरिका की सामरिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को गति मिलेगी।
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अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार सुलिवन ने कहा है कि इस पहल से भारत के साथ अमेरिका की प्रौद्योगिकी साझेदारी और रणनीतिक अभिसरण व नीति संरेखण में तेजी आएगी। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अपने समकक्ष सुलिवन के साथ व्हाइट हाउस में बैठक कर रहे हैं। इसकी रूपरेखा मई 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच टोक्यो में हुई एक अहम बैठक के दौरान तय हुई थी। दोनों देशों ने पहली बार एक संयुक्त बयान में आईसीईटी का उल्लेख किया था। भारत और अमेरिका को उम्मीद है कि यह बैठक दोनों देशों के कॉरपोरेट क्षेत्रों के बीच एक विश्वसनीय भागीदार पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की नींव रखेगी, ताकि स्टार्टअप की संस्कृति से फल-फूल रही सार्वजनिक-निजी साझेदारी पर जोर देने वाले दोनों देश वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तानाशाही हुकूमतों के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकें।
व्हाइट हाउस के अनुसार, डोभाल और सुलिवन के नेतृत्व में आईसीईटी पर भारत-अमेरिका पहल की एक अलग बैठक में, वाशिंगटन इस बात पर सहमत हुआ कि भारत द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित पावर जेट विमान के लिए साझा तौर पर जेट इंजन बनाने के प्रस्ताव की शीघ्र समीक्षा की जाए। उन्होंने जेट इंजन और युद्ध सामग्री प्रौद्योगिकियों से संबंधित संयुक्त विकास तथा उत्पादन परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए एक नया द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप विकसित करने का फैसला भी किया। बैठक की एक और पहल समुद्री सुरक्षा और खुफिया निगरानी टोही पर केंद्रित दीर्घकालिक सहयोग पर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के एनएसए अजीत के डोभाल व उनके साथी जेक सुलिवन द्वारा आईसीईटी पर भारत-अमेरिकी पहल की शुरुआत इस बात का संकेत है कि दोनों देश बाधाओं को तोड़ने, प्रौद्योगिकी में संबंधों को बढ़ावा देने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार हैं। यह बात सेंटर फॉर न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी में हिंद-प्रशांत सुरक्षा कार्यक्रम की निदेशक लीजा कर्टिस कही।
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