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अमेरिका ने WHO से आधिकारिक रूप से अलग होने का किया ऐलान

अमेरिका ने 6 जुलाई, 2021 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) से आधिकारिक तौर पर अलग होने का ऐलान कर दिया है। अमेरिका के डब्ल्यूएचओ से अलग होने की वास्तविक प्रक्रिया 6 जुलाई, 2020 को अमेरिका के मंत्री माइक पोमोयो द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र के साथ शुरू हुई हो गई थी। इसे प्रभावी होने में एक साल का समय लगेगा।
अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से अलग होने का क्यों किया फैसला?
  • अमेरिका WHO पर लगातार कोरोना वायरस पर चीन का साथ देना का आरोप लगाता रहा है, जिसका पता पिछले साल चीनी शहर वुहान में चला था, अमेरिका ने WHO पर आरोप लगाते हुए कि कहा कि स्वास्थ्य निकाय ने इस मामले में पूरी दुनिया को गुमराह किया, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर लगभग डेढ़ लाख लोग मारे गए, जिनमें 130,000 से अधिक लोग अकेले अमेरिका के है.
  • ट्रम्प प्रशासन द्वारा की गई संबंधों की समीक्षा के बाद अमेरिका ने अप्रैल में ही डब्लूएचओ को वित्तीय सहायता देना बंद कर दिया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लगभग एक महीने बाद, WHO से रिश्ते खत्म करने की घोषणा की थी.
  • The US has been a party to the WHO Constitution since June 21, 1948.
  • अमेरिका WHO का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जो WHO को प्रति वर्ष 450 मिलियन अमरीकी डालर की वित्तीय राशि प्रदान करता था. वहीँ चीन वैश्विक स्वास्थ्य संस्था को हर लगभग 40 मिलियन अमरीकी डालर देता है, जो कि अमेरिका का दसवां हिस्सा है।
  • अमेरिका 21 जून 1948 को हुए डब्ल्यूएचओ के गठन के बाद से इसका सदस्य रहा है. विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा इसकी सदस्यता को इस विश्व निकाय से अंतिम रूप से अलग होने के लिए अमेरिका द्वारा निर्धारित कुछ शर्तों के साथ स्वीकार किया गया.

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड.
  • डब्लूएचओ के महानिदेशक: टेड्रोस एडहानॉम.

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