Categories: AwardsCurrent Affairs

उर्मिला चौधरी को ग्लोबल एंटी-रेसिज्म चैंपियनशिप अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया

उर्मिला चौधरी, नेपाल की एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, को प्रतिष्ठित ग्लोबल एंटी-रेसिज़्म चैंपियनशिप अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन द्वारा वॉशिंगटन, डी.सी. में स्टेट डिपार्टमेंट में आयोजित एक समारोह के दौरान प्रदान किया गया।

पुरस्कार प्रस्तुति

  • प्रस्तुतकर्ता: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन।
  • समारोह: सोमवार को वॉशिंगटन, डी.सी. में स्टेट डिपार्टमेंट में आयोजित।
  • सम्मानित कार्यकर्ता: इस समारोह में उर्मिला चौधरी सहित विभिन्न देशों के छह सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।

प्रयासों की मान्यता

  • उर्मिला चौधरी को जातीय और सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़ी समुदायों के लिए उनकी प्रतिबद्धता और नस्लवाद के खिलाफ संघर्ष के लिए सम्मानित किया गया।
  • उन्हें शिक्षा, न्याय, और आर्थिक विकास तक समान पहुंच की वकालत के लिए भी मान्यता दी गई।
  • अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की टिप्पणी: “उर्मिला ने नेपाल में हाशिए पर पड़े जातीय समुदायों के मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए अविश्वसनीय नेतृत्व और प्रतिबद्धता दिखाई है।”

उर्मिला चौधरी के बारे में जानकारी

  • प्रारंभिक जीवन: उर्मिला एक स्वदेशी अधिकार रक्षक, लैंगिक और श्रम कार्यकर्ता हैं।
  • उन्हें 17 वर्ष की आयु में बाल घरेलू गुलामी (कमलारी) से बचाया गया था।
  • उन्होंने ‘फ्रीड कमलारी डेवलपमेंट फोरम’ की सह-स्थापना की, जो पूर्व कमलारी लड़कियों का समर्थन करती है।
  • उन्होंने इन लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए 42 सहकारी संस्थाओं की स्थापना की।
  • शिक्षा: उर्मिला वर्तमान में काठमांडू स्कूल ऑफ लॉ में पढ़ाई कर रही हैं, ताकि वह अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत कर सकें।
  • कूटनीतिक उपस्थिति: समारोह में अमेरिका में नेपाल के कार्यकारी राजदूत कुमार राज खरेल भी उपस्थित थे।

ग्लोबल एंटी-रेसिज़्म चैंपियंस (GARC) अवार्ड

  • स्थापना: यह पुरस्कार 2023 में स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर प्रणालीगत नस्लवाद और भेदभाव से निपटना है।
  • पुरस्कार का उद्देश्य: यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को सम्मानित करता है जिन्होंने हाशिए पर पड़े नस्लीय, जातीय और स्वदेशी समुदायों के मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने में साहस, ताकत और नेतृत्व दिखाया है।

2024 के अन्य पुरस्कार विजेता

  • दिंटी सुले तायिरू (घाना): फ़ुल्बे समुदाय के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक मानवाधिकार अधिवक्ता।
  • एल्विस शक्ज़िरी (उत्तरी मैसेडोनिया): एक रोमा मानवाधिकार कार्यकर्ता जो रोमा लोगों के अधिकारों की रक्षा और भेदभाव के खिलाफ काम करते हैं।
  • तान्या डुआर्ते (मेक्सिको): एक अफ्रीकी-मेक्सिकन नारीवादी और नस्लवाद विरोधी कार्यकर्ता, जो हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने और लैंगिक समानता की वकालत करती हैं।
  • टोमासा यारहुई जैकोम (बोलीविया): एक स्वदेशी राजनीतिक नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता जो स्वदेशी लोगों के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  • जॉन लीरडम (नीदरलैंड्स): एक ब्लैक डच कार्यकर्ता और पूर्व सांसद, जो नस्लवाद के खिलाफ और नीदरलैंड्स में समानता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

ग्लोबल मीथेन ट्रैकर 2025: प्रमुख निष्कर्ष

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा जारी ग्लोबल मीथेन ट्रैकर 2025 रिपोर्ट वैश्विक मीथेन उत्सर्जन, विशेष…

3 hours ago

वैज्ञानिकों ने एशियाई चावल का पहला पैनजीनोम बनाया

एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि में, मुख्यतः चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज़ के शोधकर्ताओं ने एशियाई खेती…

3 hours ago

न्यायमूर्ति सूर्यकांत को नालसा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया

भारत के राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को राष्ट्रीय विधिक सेवा…

8 hours ago

Delhi Police ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को शिक्षा प्रणाली से जोड़ने हेतु ‘नयी दिशा’ पहल शुरू की

पारंपरिक पुलिसिंग से सामुदायिक सशक्तिकरण की सराहनीय दिशा में कदम बढ़ाते हुए, दिल्ली पुलिस ने…

8 hours ago

सर्वम एआई ने यथार्थवादी भारतीय लहजे के साथ बुलबुल-वी2 लॉन्च किया

बेंगलुरु स्थित एआई स्टार्टअप Sarvam AI ने अपना नवीनतम टेक्स्ट-टू-स्पीच (TTS) मॉडल ‘Bulbul-v2’ लॉन्च किया…

8 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2025: इतिहास और महत्व

हर वर्ष 12 मई को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (IND) मनाया जाता है,…

9 hours ago