रेल मंत्रालय और सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ़ टेलीमैटिक्स (Centre for Development of Telematics – C-DOT) ने समन्वय और संसाधन साझा करने के लिए एक मज़बूत सहयोगी कार्य साझेदारी बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत रेलवे में सी-टेलीकॉम डीओटी के समाधान और सेवाओं के वितरण तथा कार्यान्वयन में दूरसंचार सुविधाओं के प्रावधान किया जाएगा।
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प्रमुख बिंदु (KEY POINTS):
- समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान, राजकुमार उपाध्याय, कार्यकारी निदेशक और सी-डॉट बोर्ड के अध्यक्ष, अरुणा सिंह, अतिरिक्त सदस्य, दूरसंचार और रेलवे बोर्ड, और अन्य शीर्ष रेलवे और सी-डॉट कर्मी उपस्थित थे।
- यह समझौता ज्ञापन सी-डॉट और रेल मंत्रालय को रेलवे के लिए दीर्घकालिक विकास (एलटीई-आर) का उपयोग करके सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं के लिए भारतीय रेलवे में विश्व मानकों के अनुसार दूरसंचार आधुनिकीकरण पर सहयोग करने की अनुमति देगा। जिसके अंर्तगत मेक इन इंडिया नीति के अनुसार भारतीय रेलवे में 5G उपयो, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, यूनिफाइड नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम, नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम, वीडियो कॉन्फ्रेंस सॉफ्टवेयर, चैटिंग एप्लिकेशन, राउटर और स्विच शामिल है।
- रेलवे के लिए लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन (एलटीई-आर) एक अगली पीढ़ी का संचार नेटवर्क है जो रेलवे सेवाओं के लिए विशिष्ट है, जो ट्रेनों के साथ-साथ ट्रेनों के बीच हाई-स्पीड वायरलेस वॉयस और डेटा कनेक्शन की अनुमति देता है।
- सी-डॉट और रेल मंत्रालय के बीच सहयोग से ट्रेन के संचालन, सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी दूरसंचार उपकरण और सेवाओं के स्वामित्व की कुल लागत कम हो जाएगी, भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा और देश में डिजिटल डिवाइड को पाटने में मदद मिलेगी।
सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- रेल मंत्री: श्री अश्विनी वैष्णव
- सी-डॉट बोर्ड के कार्यकारी निदेशक और अध्यक्ष: राजकुमार उपाध्याय
- अतिरिक्त सदस्य, दूरसंचार और रेलवे बोर्ड: अरुणा सिंह