उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में वैदिक-3डी संग्रहालय के निर्माण की घोषणा की है। यह अत्याधुनिक संग्रहालय भारतीय ज्योतिष, खगोल विज्ञान और वैदिक साहित्य पर केंद्रित होगा। इसमें 16 संस्कारों, 64 कलाओं और 18 विद्याओं को विस्तृत रूप दिया जाएगा। ऋषि तुल्य आचार्यों के शोध एवं भारतीय नक्षत्र विद्या के दर्शन भी म्यूजियम में होंगे।
संग्रहालय की विशेषताएँ और उद्देश्य
संग्रहालय ऐतिहासिक सरस्वती भवन में संरक्षित दुर्लभ पांडुलिपियों को प्रदर्शित करेगा, जैसे कि “रास पंचाध्यायी”, श्रीमद्भागवत गीता और दुर्गासप्तशती, सभी पर जटिल रूप से उत्कीर्णन किया गया है और उन्हें स्वर्ण कलाकृति से सजाया गया है। इसका उद्देश्य ‘शास्त्रार्थ’ (आध्यात्मिक प्रवचन) की परंपरा को पुनर्जीवित करना और वैदिक साहित्य में ज्ञान को गहरा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना है।
विश्वविद्यालय का निरीक्षण एवं विकास
अपने दौरे के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय के 234 साल पुराने मुख्य भवन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, चौकाघाट को सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के संकाय के रूप में पुनः एकीकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने संस्कृत साइनबोर्ड लगाने, सीवर और ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाने, जीर्ण-शीर्ण सड़कों की मरम्मत और बाउंड्रीवॉल के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर दिया।
प्रशासनिक निर्देश
सीएम योगी ने गंगानाथ झा छात्रावास में साइकिल और वाहन स्टैंड की स्थापना के निर्देश दिए और साफ-सफाई और त्वरित मरम्मत पर जोर दिया। उन्होंने जर्जर तारों को बदलने जैसे जरूरी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।
आधिकारिक उपस्थिति
कार्यक्रम में कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा, उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी सहित अन्य प्रमुख अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।