विकास और बुनियादी ढांचे में सबसे ज्यादा खर्च यूपी में हो रहा है। इसकी वजह तेज औद्योगिक विकास है। इस मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 राज्यों का पूंजीगत व्यय वित्तवर्ष 2024-25 में 8.7 खरब रुपये से बढ़कर वित्तवर्ष 2025-26 में 10.2 खरब रुपये हो जाएगा। इसमें केवल पांच राज्यों की हिस्सेदारी 50 फीसदी है। खास बात ये है कि इन पांच राज्यों में भी अकेले यूपी का योगदान 16.3 फीसदी है, जो देश में किसी भी राज्य से सबसे ज्यादा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 (FY26) में भारत का राज्य-स्तरीय पूंजीगत व्यय (Capex) ₹10.2 लाख करोड़ तक पहुँचने की संभावना है, जो FY25 के ₹8.7 लाख करोड़ से काफ़ी अधिक है। इस वृद्धि में उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक की संयुक्त हिस्सेदारी लगभग 50% होगी।
सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
लंबी अवधि में उत्पादकता और रोजगार में वृद्धि
वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच राज्य आधारित विकास को गति देना
गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियों का निर्माण: सड़कें, अस्पताल, स्कूल, सिंचाई योजनाएं आदि
उत्तर प्रदेश – 16.3%
गुजरात – 9.4%
महाराष्ट्र – 8.3%
मध्य प्रदेश – 8.1%
कर्नाटक – 6.7%
कुल योगदान: लगभग 48.8%
यूपी: 16.9%
महाराष्ट्र: 10.9%
गुजरात: 8.1%
म.प्र.: 7.5%
ओडिशा: 6.4% (FY26 में शीर्ष 5 से बाहर)
कुल अनुमानित प्राप्तियाँ: ₹69.4 लाख करोड़ (10.6% की वार्षिक वृद्धि)
राजस्व प्राप्तियाँ: +12.3%
पूंजीगत प्राप्तियाँ: +6.6%
उत्तर प्रदेश: 13.3%
महाराष्ट्र: 11.3%
म.प्र., कर्नाटक, राजस्थान: ~5.9% प्रत्येक
तमिलनाडु की हिस्सेदारी थोड़ी कम होने की संभावना
12 राज्य अपना राजकोषीय घाटा ऐतिहासिक औसत से कम रखेंगे
13 राज्य FY26 में राजस्व अधिशेष (Revenue Surplus) दर्ज करेंगे
बढ़ता हुआ Capex संकेत करता है कि भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत गति पर है
यह भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण करता है
साथ ही यह दिखाता है कि राज्यों द्वारा राजकोषीय अनुशासन का पालन करते हुए विकास की ओर बढ़ा जा रहा है
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