केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने 22 नवंबर, 2023 को नयी दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में भारत जल प्रभाव सम्मेलन (आईडब्ल्यूआईएस) के आठवें संस्करण का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और गंगा नदी बेसिन प्रबंधन एवं अध्ययन केंद्र (सीगंगा) की ओर से आयोजित सम्मेलन 22 से 24 नवंबर, 2023 तक चलेगा।
भारत जल प्रभाव सम्मेलन , 2023 का विषय ‘भूमि, जल और नदियों के साथ विकास’ है। इसका उद्देश्य भारत के जल क्षेत्र में गतिशील चुनौतियों और अवसरों का समाधान करने के लिये वैज्ञानिक विशेषज्ञों, हितधारकों और सरकारी प्रतिनिधियों को एकजुट करना है।
उद्घाटन एवं मुख्य वक्ता
इसमें प्रतिष्ठित वक्ताओं में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की सचिव सुश्री देबाश्री मुखर्जी, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) श्री जी. अशोक कुमार, स्लोवेनिया गणराज्य के विज्ञान , प्रौद्योगिकी एवं नवाचार मंत्री श्री इगोर पापिक, गंगा नदी बेसिन प्रबंधन एवं अध्ययन केन्द्र (सीगंगा) के संस्थापक और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर में प्रोफेसर डॉ. विनोद तारे तथा सीगंगा के श्री सनमित आहूजा शामिल थे।
समग्र प्रौद्योगिकी विभाग
केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने समाज के तीन प्रमुख स्तंभों – नैतिकता, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण और अर्थशास्त्र – पर प्रकाश डालते हुए एक प्रभावशाली सम्बोधन दिया। उनके सम्बोधन में एक स्थायी भविष्य को आकार देने में तीन प्रमुख स्तंभों की अभिन्न भूमिका को रेखांकित किया गया। उन्होंने पारिस्थितिकीय पहल के महत्व पर जोर दिया और कहा कि अच्छे प्रयोग और प्रौद्योगिकी आसानी से उपलब्ध हैं। उन्होंने भविष्य के लिये दो महत्वपूर्ण दर्शनों को रेखांकित किया – नवाचार, उद्यमिता, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान कौशल और सफल प्रबंधन के माध्यम से ज्ञान को धन में बदलना और कचरे को धन में तब्दील करना।
उन्होंने कहा कि इस विचार को बढ़ावा देना है कि कोई भी सामग्री या व्यक्ति बेकार नहीं है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुये उनसे प्रमाणित प्रौद्योगिकियों, आर्थिक व्यवहार्यता, कच्चे माल की उपलब्धता और तैयार उत्पादों की विपणन क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने उदाहरण देते हुये गोवा में जुआरी नदी के संभावित विकास का जिक्र किया, जहां एक बड़ी गैलरी का निर्माण किया जा रहा है। यह पर्यटन को बढ़ावा देगी और राजस्व उत्पन्न करेगी।
एक जटिल समस्या
स्लोवेनिया गणराज्य के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री इगोर पापिक ने सामाजिक हितों के लिये प्रौद्योगिकी विकास के लिये समग्र दृष्टिकोण की वकालत की। उन्होंने तकनीकी विकास में पूरे समाज की सक्रिय भागीदारी की पैरवी करते हुये संभावित दुरुपयोग के मामलों को संबोधित करने के लिये सामाजिक विज्ञान और मानविकी को शामिल करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने जल प्रबंधन को नये तकनीकी नवाचार की मांग करने वाली एक जटिल समस्या के रूप में चिह्नित करते हुये एक मौलिक प्राकृतिक संसाधन के रूप में जल के महत्व को रेखांकित किया।
भारत में जल सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की सचिव सुश्री देबाश्री मुखर्जी ने भारत में जल सुरक्षा की जटिल चुनौतियों का जिक्र करते हुये जल सुरक्षा और प्रबंधन के भीतर प्रमुख मुद्दों और रणनीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से पेयजल और स्वच्छता कार्यक्रमों में पर्याप्त निवेश किया है। उन्होंने हालांकि कहा कि इन निवेशों को बनाये रखना हालांकि एक महत्वपूर्ण चुनौती है, खासकर यह देखते हुये कि जल जीवन मिशन द्वारा स्थापित 60 प्रतिशत पेयजल प्रणालियाँ भूजल पर निर्भर हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक पहल
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार ने नमामि गंगे के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दोहरायी। उन्होंने कहा कि एनएमसीजी ने गंगा और उसकी सहायक नदियों की सफाई और पुनर्जीवन पर ध्यान केंद्रित करते हुए दृढ़ता से अपना काम पूरा किया है। श्री अशोक कुमार ने एनएमसीजी की कार्यान्वयन रणनीतियों से सीखे गये अहम गुरों पर जोर दिया। ये गुर अब समान चुनौतियों का सामना करने वाले अन्य शहरों के लिये मार्गदर्शक सिद्धांत बन रहे हैं।
Find More News related to Summits and Conferences