Categories: Awards

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 8वें और 9वें सामुदायिक रेडियो पुरस्कार प्रदान किए

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 23 जुलाई को नई दिल्ली में भारतीय जन संचार संस्थान में दो दिवसीय क्षेत्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन (उत्तर) का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने 8वें और 9वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में हरियाणा, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, राजस्थान और त्रिपुरा राज्यों में स्थित सामुदायिक रेडियो स्टेशन शामिल रहे।

 

पुरस्कार विजेता

 

विषयगत पुरस्कार

  • प्रथम पुरस्कार: रेडियो माइंड ट्री, अंबाला, हरियाणा; कार्यक्रम का नाम: होप जीने की राह
  • दूसरा पुरस्कार: रेडियो हीराखंड, संबलपुर, ओडिशा; कार्यक्रम का नाम: आधार ओ पोषण विज्ञान
  • तृतीय पुरस्कार: ग्रीन रेडियो, सबौर, बिहार; कार्यक्रम का नाम: पोषण श्रृंखला

सर्वाधिक नवोन्मेषी सामुदायिक सहभागिता पुरस्कार

  • प्रथम पुरस्कार रेडियो एसडी, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश; कार्यक्रम का नाम: हिजरा इन बिटवीन
  • द्वितीय पुरस्कार कबीर रेडियो, संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश; कार्यक्रम का नाम: सेल्फी ले ले रे
  • तीसरा पुरस्कार: रेडियो माइंड ट्री, अंबाला, हरियाणा कार्यक्रम का नाम: बुक बग्स

स्थानीय संस्कृति पुरस्कारों को बढ़ावा देना

  • प्रथम पुरस्कार: वॉयस ऑफ एसओए, कटक, ओडिशा; कार्यक्रम का नाम: अस्मिता
  • दूसरा पुरस्कार: फ्रेंड्स एफएम, त्रिपुरा, अगरतला; कार्यक्रम का नाम: रिवाइव्ड ए डाइंग आर्ट: मास्क एंड पॉट
  • तृतीय पुरस्कार: पंतनगर जनवाणी, पंतनगर, उत्तराखंड; कार्यक्रम का नाम: दादी मां का बटुआ

टिकाऊ मॉडल पुरस्कार

  • प्रथम पुरस्कार: रेडियो हीराखंड, संभलपुर, ओडिशा
  • दूसरा पुरस्कार: वायलागा वनोली, मदुरै, तमिलनाडु
  • तृतीय पुरस्कार: वगाड रेडियो “90.8”, बांसवाड़ा, राजस्थान

 

सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की भूमिका

सामुदायिक रेडियो स्टेशनों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जनभागीदारी से जन आंदोलन के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्रीय मंत्री, अनुराग ठाकुर ने आपदाओं के दौरान श्रोताओं को सूचित रखने में उनके योगदान के लिए इन स्टेशनों की प्रशंसा की और भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा, जागरूकता पैदा करने और समस्या समाधान में उनके महत्व पर प्रकाश डाला।

 

महत्व

सामुदायिक रेडियो स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि आदि से संबंधित मुद्दों पर स्थानीय स्वरों को प्रसारित करने के लिए समुदायों को एक मंच उपलब्ध करता है। सामुदायिक रेडियो में अपने समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से विकास कार्यक्रमों में जन भागीदारी को सुदृढ़ करने की भी क्षमता है। भारत जैसे देश में, जहां प्रत्येक राज्य की अपनी भाषा और विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान है, सीआरएस स्थानीय लोक संगीत और सांस्कृतिक विरासत का भंडार भी हैं। कई सीआरएस भावी पीढ़ी के लिए स्थानीय गीतों को रिकॉर्ड और संरक्षित करते हैं और स्थानीय कलाकारों को समुदाय के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। सीआरएस की अनूठी स्थिति सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का एक साधन है, जो इसे सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए एक आदर्श माध्यम बनाती है। चूंकि सामुदायिक रेडियो प्रसारण स्थानीय भाषाओं और बोलियों में होता है, इसलिए लोग इससे तुरंत जुड़ जाते हैं।

 

 Find More Awards News Here

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2025: इतिहास, महत्व और प्रभाव

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस, जो प्रतिवर्ष 16 मार्च को मनाया जाता है, भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य…

4 hours ago

डॉ. मनसुख मंडाविया ने पहली बार फिट इंडिया कार्निवल का उद्घाटन किया

फिट इंडिया कार्निवल – एक अनोखा तीन दिवसीय फिटनेस और वेलनेस कार्यक्रम – का उद्घाटन…

6 hours ago

पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रधान का निधन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. देवेंद्र प्रधान का…

6 hours ago

दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान योजना

स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दिल्ली सरकार…

6 hours ago

प्रख्यात ओडिया कवि रमाकांत रथ का निधन

प्रसिद्ध ओडिया कवि और पूर्व आईएएस अधिकारी रमाकांत रथ का 90 वर्ष की आयु में…

6 hours ago

रायसीना डायलॉग 2025 क्या है?

रायसीना डायलॉग भारत का प्रमुख भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक सम्मेलन है, जो विश्व के सबसे ज्वलंत…

7 hours ago