भारत के आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने 2 जुलाई, 2025 को एकीकृत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली C-FLOOD का अनावरण किया।
सी-डैक, सीडब्ल्यूसी और एनआरएससी द्वारा सहयोग से विकसित यह वेब-आधारित प्लेटफॉर्म गांव स्तर पर दो दिन का अग्रिम बाढ़ पूर्वानुमान प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य संवेदनशील क्षेत्रों में तैयारी को बढ़ाना और बाढ़ के जोखिम को कम करना है। यह परियोजना राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) का हिस्सा है, जो जलवायु चुनौतियों से निपटने में भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तालमेल को प्रदर्शित करती है।
सी-फ्लड प्लेटफॉर्म को आधिकारिक तौर पर 2 जुलाई, 2025 को केंद्रीय मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने नई दिल्ली में लॉन्च किया। इसका लॉन्च भारत की बाढ़ पूर्वानुमान क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति को दर्शाता है, जो प्रारंभिक चेतावनियों और वास्तविक समय बाढ़ मानचित्रण को सक्षम बनाता है। इस उपकरण से राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को समय पर निकासी की योजना बनाने और बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने में सहायता मिलने की उम्मीद है।
| सारांश/स्थिर | विवरण |
| खबरों में क्यों? | C-FLOOD (एकीकृत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली) |
| द्वारा उद्घाटन | केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल |
| द्वारा विकसित | सी-डैक पुणे, सीडब्ल्यूसी, एनआरएससी |
| उद्देश्य | ग्राम-स्तरीय समाधान के साथ बाढ़ का अग्रिम पूर्वानुमान |
| मुख्य विशेषता | 2-दिवसीय बाढ़ पूर्वानुमान, बाढ़ मानचित्र, वास्तविक समय जल स्तर की भविष्यवाणियाँ |
| वर्तमान कवरेज | महानदी, गोदावरी और तापी नदी घाटियाँ |
| का हिस्सा | राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) |
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