केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड के चाईबासा में उद्घाटन राष्ट्रीय डेयरी मेला और कृषि प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस आयोजन का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में पशुधन और कृषि को बढ़ावा देना है।
झारखंड के चाईबासा में तीन दिवसीय राष्ट्रीय डेयरी मेला और कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय जनजातीय मामले, कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने किया। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा द्वारा आयोजित यह आयोजन झारखंड में अपनी तरह का पहला आयोजन है, जिसका उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में पशुधन और कृषि के व्यापक विकास को बढ़ावा देना है।
मुख्य विचार
पशुधन विकास के लिए पहल
- श्री मुंडा ने कृषक समुदाय के लिए समर्थन पर जोर देते हुए, दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए क्षेत्र में एक केंद्र स्थापित करने का इरादा व्यक्त किया।
- इस आयोजन में पशुपालकों, किसानों, इनपुट डीलरों, उद्यमियों, छात्रों और सरकारी अधिकारियों सहित 6 हजार से अधिक हितधारकों की भागीदारी देखी गई।
तकनीकी प्रदर्शन और प्रदर्शनियाँ
- विभिन्न अनुसंधान संस्थान और जिला-स्तरीय विभाग कृषि प्रौद्योगिकियों और पशुपालन की प्रगति का प्रदर्शन कर रहे हैं।
- 50 से अधिक प्रदर्शनी स्टालों में कृषि प्रौद्योगिकियों, पशुधन और पशु नस्लों को प्रदर्शित किया गया है, जो ज्ञान के प्रसार और आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं।
जागरूकता और सहायता योजनाएँ
- श्री मुंडा ने किसानों से अपने लाभ के लिए पीएम फसल बीमा और पीएम किसान समृद्धि जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
- किसान-वैज्ञानिक संवाद और सेमिनार का उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि और पशुपालन तकनीकों पर शिक्षित करना और उनके प्रश्नों का त्वरित समाधान प्रदान करना है।
किसानों के लिए मान्यता और समर्थन
- यह मेला सब्जी उत्पादन, फसल प्रबंधन, डेयरी उत्पादन और मूल्य संवर्धन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों को पुरस्कृत करता है, जिससे उनका मनोबल बढ़ता है।
- कृषि ज्ञान और विकास को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अनुसूचित जनजाति उप-योजना के तहत सामग्री प्रौद्योगिकी प्रदान की जाती है।