भारत में न्यायपालिका की निष्पक्षता, दक्षता और संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 14 जुलाई 2025 को 18 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के स्थानांतरण और प्रत्यावर्तन से संबंधित आदेश अधिसूचित किए। यह निर्णय 26 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के आधार पर लिया गया। इन रणनीतिक नियुक्तियों का उद्देश्य न्यायिक कार्यप्रणाली को मजबूत करना, मामलों के निपटान में समानता लाना और राज्यों के बीच न्यायिक स्टाफ में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 222 के तहत, राष्ट्रपति को मुख्य न्यायाधीश की सलाह से एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को किसी अन्य उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश करते हैं, इन स्थानांतरणों की अनुशंसा करता है। वर्तमान स्थानांतरण इसी प्रक्रिया का हिस्सा हैं और न्यायपालिका की स्वतंत्रता व निष्पक्षता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जाते हैं।
इन न्यायिक फेरबदल का प्रशासनिक ही नहीं, बल्कि व्यापक प्रभाव होता है:
निष्पक्षता: न्यायाधीशों को उनके मूल राज्य से बाहर नियुक्त कर क्षेत्रीय पक्षपात या स्थानीय दबाव को कम किया जाता है।
दक्षता: जिन उच्च न्यायालयों पर कार्यभार अधिक है, वहां अन्य न्यायालयों से अनुभवी न्यायाधीशों की नियुक्ति से राहत मिलती है।
विशेषज्ञता का आदान-प्रदान: स्थानांतरित न्यायाधीश अपने पिछले अनुभव और दृष्टिकोण के साथ नई न्यायिक इकाई को सशक्त बनाते हैं।
राष्ट्रीय एकता: ये स्थानांतरण पूरे देश में न्यायिक दृष्टिकोण की एकरूपता को बढ़ावा देते हैं।
न्यायमूर्ति तडकमल्ला विनोद कुमार: तेलंगाना से मद्रास हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी: इलाहाबाद से कर्नाटक हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति अरुण मोंगा: राजस्थान से दिल्ली हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल: पंजाब एवं हरियाणा से दिल्ली हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति सुधीर सिंह: पंजाब एवं हरियाणा से पटना हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति श्री चंद्रशेखर: राजस्थान से बॉम्बे हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला: इलाहाबाद से दिल्ली हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति बट्टू देवनंद: मद्रास से आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (प्रत्यावर्तित)
न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह: मद्रास से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह: केरल से कर्नाटक हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी: इलाहाबाद से दिल्ली हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा: पंजाब एवं हरियाणा से राजस्थान हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति सुमन श्याम: गुवाहाटी से बॉम्बे हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा: इलाहाबाद से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव सांब्रे: बॉम्बे से दिल्ली हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक: गुवाहाटी से ओडिशा हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति लानुसुंगकुम जामिर: गुवाहाटी से कलकत्ता हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव: कर्नाटक से दिल्ली हाईकोर्ट
इन स्थानांतरणों के प्रमुख उद्देश्य हैं:
राष्ट्रीय न्यायिक एकरूपता को बढ़ावा देना
अत्यधिक बोझ वाले न्यायालयों का कार्यभार संतुलित करना
पारदर्शिता व निष्पक्षता सुनिश्चित करना
हर उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखना
स्थानीय हस्तक्षेप से मुक्त निष्पक्ष न्यायिक माहौल प्रदान करना
यह कदम न्यायिक सुधारों को गति देने और नागरिकों का न्यायपालिका में विश्वास बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
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