केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर (Aurangabad as Chhatrapati Sambhajinagar) कर दिया है। वहीं, उस्मानाबाद का नाम धाराशिव (Osmanabad as Dharashiv) करने की मंजूरी भी दे दी है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही इसका एलान कर दिया था। अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा भी मंजूरी मिल गई है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है।
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प्रमुख बिंदु
- मंत्रालय ने कहा कि उसे शहरों के नाम बदलने पर कोई आपत्ति नहीं है। उद्धव ठाकरे के तत्कालीन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले जून 2022 में महा विकास अघडी सरकार के दौरान एक कैबिनेट बैठक में प्रारंभिक प्रस्ताव रखा गया था।
- औरंगाबाद का नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।
- छत्रपति संभाजी राजे, छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे और अपने पिता द्वारा स्थापित मराठा राज्य के दूसरे शासक थे। 1689 में औरंगजेब के आदेश पर संभाजी महाराज को फांसी दे दी गई थी।
- वहीं, धाराशिव, उस्मानाबाद के पास एक गुफा परिसर का नाम, कुछ विद्वानों के अनुसार यह गुफा 8वीं शताब्दी का है। गौरतलब है कि हिंदू दक्षिणपंथी संगठन लंबे समय से दोनों शहरों का नाम बदलने की मांग कर रहे थे।
महत्वपूर्ण टेकअवे
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री: एकनाथ शिंदे
- महाराष्ट्र के राज्यपाल: रमेश बैस
- महाराष्ट्र की स्थापना 1 मई 1960 को हुई थी