केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2017 या तीन तालाक विधेयक को मंजूरी दे दी है, जो इस प्रथा को गैर-जमानती अपराध बनाती है. इस विधेयक में उन पुरुषों के लिए तीन साल की जेल की सजा का प्रस्ताव है, जो तीन तालक का प्रयास करते हैं.
मसौदा कानून के तहत, किसी भी रूप में तीन तलाक – लिखित रूप में या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा बोलना प्रतिबंधित या अवैध माना जाएगा.
स्रोत- टाइम्स नाउ