वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 6,21,940.85 करोड़ रुपये (लगभग 75 बिलियन यूएस डॉलर) आवंटित किए गए हैं, जो सभी मंत्रालयों में सर्वाधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा मंत्रालय को हुआ आवंटन वित्त वर्ष 2022-23 के आवंटन से लगभग एक लाख करोड़ रुपये (18.43 प्रतिशत) ज्यादा है और वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन से 4.79 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें से 27.66 प्रतिशत हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिए, 14.82 प्रतिशत हिस्सा जीविका और परिचालन तत्परता पर राजस्व व्यय के लिए, 30.66 प्रतिशत हिस्सा वेतन और भत्तों के लिए, 22.70 प्रतिशत हिस्सा रक्षा पेंशन के लिए और 4.17 प्रतिशत हिस्सा रक्षा मंत्रालय के अधीन नागरिक संगठनों के लिए है। ये कुल आवंटन भारत संघ के बजटीय अनुमान का लगभग 12.90 प्रतिशत है।
पूंजीगत व्यय: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा बलों को पूंजीगत मद के अंतर्गत बजटीय आवंटन 1.72 लाख करोड़ रुपये का है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के वास्तविक व्यय से 20.33 प्रतिशत ज्यादा और वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित आवंटन से 9.40 प्रतिशत ज्यादा है।
परिचालन तत्परता: परिचालन तत्परता के लिए निरंतर ऊंचा आवंटन सशस्त्र बलों का मनोबल ऊंचा करता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य उन्हें हर समय युद्ध के लिए तैयार रखना है। सरकार ने इस मद में चालू वित्त वर्ष के दौरान 92,088 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो वित्त वर्ष 2022-23 के बजटीय आवंटन से 48 प्रतिशत ज्यादा है।
पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवा: सरकार भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के लिए बढ़ाए गए आवंटन के माध्यम से पूर्व-सैनिकों और उनके आश्रितों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। वित्त वर्ष 2024-25 के नियमित बजट में ईसीएचएस को 6,968 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के आवंटन से 28 प्रतिशत ज्यादा है।
सीमा अवसंरचना: सीमा सड़क संगठनों (बीआरओ) को बजट अनुमान 2024-25 के लिए पूंजीगत मद में 6,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो वित्त वर्ष 2023-24 से 30% अधिक है और वित्त वर्ष 2021-22 से 160% अधिक है।
भारतीय तटरक्षक बल: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) को 7,651.80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन से 6.31 प्रतिशत ज्यादा है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO): रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए बजटीय आवंटन को वित्त वर्ष 2023-24 में 23,263.89 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2024-25 में 23,855 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस आवंटन में से 13,208 करोड़ रुपये का एक बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित किया गया है।
रक्षा पेंशन: रक्षा पेंशन के लिए कुल बजटीय आवंटन 1,41,205 करोड़ रुपये है, जो 2023-24 के दौरान किए गए आवंटन से 2.17 प्रतिशत ज्यादा है।
आईडीईएक्स (आदिति) योजना के साथ अभिनव प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देने के माध्यम से रक्षा में नवाचार के लिए अतिरिक्त 400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
आधुनिकीकरण बजट का 75% हिस्सा, जो 1,05,518.43 करोड़ रुपये है, घरेलू उद्योगों के माध्यम से खरीद के लिए निर्धारित किया गया है।
सीमावर्ती बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ: लद्दाख में न्योमा एयरफील्ड का विकास, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थायी पुल संपर्क, हिमाचल प्रदेश में शिंकू ला सुरंग, अरुणाचल प्रदेश में नेचिपु सुरंग और बजट से वित्तपोषित अन्य रणनीतिक परियोजनाएँ।
तटरक्षक बल में वृद्धि: पूंजीगत व्यय के लिए 3,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिससे गश्ती वाहनों, निगरानी प्रणालियों और हथियारों के अधिग्रहण में सुविधा होगी।
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