यूनेस्को ने देश के 50 विशिष्ट और अनुप्रतीकात्मक विरासत वस्त्र शिल्पों (exclusive and iconic heritage textile crafts) की सूची जारी की है। इस सूची में, तमिलनाडु से टोडा कढ़ाई और सुंगड़ी, हैदराबाद से हिमरू बुनाई (Himroo weaves) और ओडिशा के संबलपुर की ‘बंधन और रंजन शैली’ से निर्मित वस्त्र आदि शामिल किए गए हैं।
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कुछ महत्त्वपूर्ण सूचीबद्ध वस्त्र शिल्प
- तमिलनाडु की टोडा कढ़ाई और सुंगुडी
- हैदराबाद की हिमरू बुनाई
- ओडिशा के संबलपुर की बंधा टाई और डाई बुनाई
- गोवा की कुनबी बुनाई
- गुजरात की मशरू बुनाई और पटोला
- महाराष्ट्र की हिमरू
- पश्चिम बंगाल की गरद-कोरियल
- कर्नाटक की इलकल और लंबाडी या बंजारा कढ़ाई
- तमिलनाडु की सिकलनायकनपेट कलमकारी
- हरियाणा की खेस
- हिमाचल प्रदेश के चंबा के रुमाल
- लद्दाख के थिग्मा या ऊन की टाई और डाई
- वाराणसी की अवध जामदानी
यूनेस्को के अनुसार, दक्षिण एशिया में ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सुरक्षा के लिए प्रमुख चुनौतियों में, एक उचित सूची और प्रलेखन की कमी भी शामिल है। इस सूची के प्रकाशन का उद्देश्य इस कमी को पाटना है, और इसमें 50 चयनित वस्त्रों पर वर्षों के शोध को एक साथ प्रकाशित किया गया है।
यूनेस्को
यूनेस्को की स्थापना साल 1945 में स्थायी शांति के साधन के रूप में “मानव जाति की बौद्धिक और नैतिक एकजुटता” को विकसित करने के लिये की गई थी। यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस में अवस्थित है एवं विश्व में इसके 50 से अधिक क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इसके 193 सदस्य देश एवं 11 संबद्ध सदस्य (अप्रैल 2020 तक) हैं और यह सामान्य सम्मेलन एवं कार्यकारी बोर्ड के माध्यम से नियंत्रित होता है।