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भारत को अमेरिकी संघीय पेंशन फंड इंडेक्स स्विच से 3.6 अरब डॉलर का प्रवाह देखने की उम्मीद

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अमेरिकी सरकार के मुख्य रिटायरमेंट फंड में से एक फेडरल रिटायरमेंट थ्रिफ्ट इन्वेस्टमेंट बोर्ड (एफआरटीआईबी) के पास 600 अरब डॉलर से ज्यादा की परिसंपत्तियां हैं और उसने वैश्विक इक्विटी में निवेश के लिए इस्तेमाल करने वाले इंडेक्स में बदलाव का फैसला लिया है। अब वह एमएससीआई ईएएफई इंडेक्स के बजाय एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई आईएमआई एक्स यूएसए, एक्स चाइना एक्स हॉन्ग इंडेक्स का इस्तेमाल करेगा।

अंतरराष्ट्रीय निवेश में बढ़ोतरी को लेकर अमेरिकी सरकार के रिटायरमेंट फंड का इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बदलने के फैसले से दुनिया भर के इक्विटी के निवेश में 28 अरब डॉलर (2.3 लाख करोड़ रुपये) का फेरबदल होने वाला है। भारत को इस कदम का प्राथमिक लाभार्थी माना जा रहा है क्योंकि यहां 3.6 अरब डॉलर (30,000 करोड़ रुपये) का निवेश आकर्षित होगा।

 

इंडेक्स में 21 विकसित बाजार

ईएएफई इंडेक्स में 21 विकसित बाजार शामिल हैं, जो यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, एशिया व सुदूर पूर्व के हैं। लेकिन इसमें अमेरिका व कनाडा शामिल नहीं हैं। भारत इस इंडेक्स का हिस्सा नहीं है। इस बीच, एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई आईएमआई एक्स यूएसए एक्स चाइना एक्स हॉन्ग इंडेक्स में विकसित बाजार व उभरते बाजार दोनों शामिल हैं।

 

इस बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा

पेरिस्कोप एनालिटिक्स के ब्रायन फ्रिएट्स के विश्लेषण के मुताबिक, इस बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा कनाडा को होगा, जहां 5.6 अरब डॉलर का निवेश आ सकता है। इसके बाद भारत (3.6 अरब डॉलर) व ताइवान (3.4 अरब डॉलर) का स्थान है। उधर, इस कदम से सबसे ज्यादा नुकसान जापान, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस जैसे विकसित बाजारों को होगा, जहां से अनुमानित तौर पर क्रमश: 3.9 अरब डॉलर, 3 अरब डॉलर और 3 अरब डॉलर की निकासी होगी।

 

अमेरिका व चीन की इक्विटी पर असर

बेंचमार्क बदलने से अमेरिका व चीन की इक्विटी पर असर नहीं होगा क्योंकि दोनों देश यातो पुराने इंडेक्स का या नए इंडेक्स का हिस्सा हैं। हॉन्ग-कॉन्ग पर भी बुरा असर पड़ेगा क्योंकि यह पुराने बेंचमार्क का हिस्सा है, लेकिन नए का नहीं। जापान, यूके व फ्रांस का नए इंडेक्स का हिस्सा होने के बावजूद वे निकासी का सामना करेंगे क्योंकि नए इंडेक्स में उनका भारांक घटेगा।

 

एफआरटीआईबी फंड से निवेश

यह पहला मौका है जब भारत को एफआरटीआईबी फंड से निवेश हासिल होगा क्योंकि यह देश पुराने इंडेक्स का हिस्सा नहीं था। इसके बावजूद असर अपेक्षाकृत कम होगा क्योंकि भारत का भारांक न तो पांच अग्रणी है और न ही उसके कोई देसी शेयर 10 अग्रणी घटक वाली सूची का हिस्सा है। एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई आईएमआई एक्स यूएसए, एक्स चाइना एक्स हॉन्ग-कॉन्ग इंडेक्स का विस्तृत है, जिसमं 5,600 से ज्यादा घटक हैं।

 

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