क्यों चुने गए खालिद जमील
कई कारण खालिद जमील के पक्ष में गए, जिनकी वजह से उन्हें राष्ट्रीय कोच के रूप में चुना गया:
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उन्हें AIFF पुरुष वर्ष के कोच का पुरस्कार दो बार मिला है — 2023-24 और 2024-25 में।
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उनका भारतीय खिलाड़ियों के साथ नियमित जुड़ाव उन्हें टीम की ताकत और चुनौतियों को बेहतर समझने में सक्षम बनाता है।
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आई. एम. विजयन ने यह भी उल्लेख किया कि जब वे खुद खिलाड़ी थे, उस समय सुखविंदर सिंह और सैयद नईमुद्दीन जैसे भारतीय कोचों के नेतृत्व में भारत की FIFA रैंकिंग कहीं बेहतर हुआ करती थी, जो जमील के पक्ष में एक मजबूत तर्क बना।
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AIFF ने आगामी मुकाबलों को भी ध्यान में रखा, जिनमें इस महीने के अंत में होने वाला CAFA नेशंस कप 2025 और अक्टूबर में सिंगापुर के खिलाफ होने वाले एएफसी एशियन कप फाइनल राउंड क्वालिफायर्स शामिल हैं।
समिति का मानना था कि भारतीय फुटबॉल के पारिस्थितिक तंत्र (ecosystem) से खालिद जमील की निकटता उन्हें तुरंत ज़िम्मेदारी संभालने के लिए उपयुक्त बनाती है।
बैठक और अंतिम निर्णय
यह वर्चुअल बैठक AIFF अध्यक्ष कल्याण चौबे की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें उपाध्यक्ष एन. ए. हारिस, कोषाध्यक्ष किपा अजय, और कार्यकारी एवं तकनीकी समितियों के कई सदस्य उपस्थित थे। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, अधिकांश सदस्यों ने खालिद जमील के पक्ष में मतदान किया, हालांकि कुछ सदस्यों ने स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन का नाम सुझाया था।
यह निर्णय भारतीय कोचिंग प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और घरेलू विशेषज्ञता पर भरोसा जताने की दिशा में एक नया संकल्प दर्शाता है।
आगे की राह: भारतीय फुटबॉल का नया युग
खालिद जमील के नेतृत्व में भारतीय टीम से अपेक्षा की जा रही है कि वह:
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स्थिर प्रदर्शन के माध्यम से FIFA रैंकिंग में सुधार करेगी,
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दीर्घकालिक खिलाड़ी विकास पर केंद्रित एक मजबूत टीम तैयार करेगी,
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CAFA नेशंस कप 2025 और एएफसी एशियन कप क्वालिफायर के लिए रणनीतिक तैयारी करेगी,
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और राष्ट्रीय ज़िम्मेदारियों के लिए भारतीय कोचों पर विश्वास जताकर आत्मनिर्भर भारत के विज़न को खेल क्षेत्र में भी साकार करेगी।