
पत्ताभि राम और सब्यसाची डैश ने एक नई किताब का संयोजन किया है जिसका नाम है “द ग्रेट बैंक रॉबरी : एनपीएस, स्कैम्स एंड द फ्यूचर ऑफ़ रेगुलेशन” जो भारत के स्वतंत्रता (1947) के बाद हुए 11 घोटालों पर चर्चा करती है। यह किताब रूपा पब्लिकेशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित की गई है।
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वी. पट्टाभि राम एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं जो तमिलनाडु के चेन्नई में आधारित हैं। वे एक लेखक, सार्वजनिक वक्ता और शिक्षक हैं। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं जैसे “टिकिंग टाइम्स: एक अकाउंटेंट और एक जेंटलमेन” और “फर्स्ट लेसंस इन स्ट्रैटेजिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट” (एसडी बाला के संयोजक के साथ संयुक्त रूप से लिखी गई)। सब्यसाची डैश एक करियर कॉर्पोरेट एग्जीक्यूटिव और चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं।
पुस्तक के बारे में:
यह पुस्तक स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र को हिलाकर रखने वाली 11 घोटालों पर चर्चा करती है। यह तथ्यों को अतिरंजित किए बिना, जानबूझकर इस विषय पर विचार करती है: घोटालेबाजों द्वारा इस्तेमाल की गई रणनीतियों, विनियामक छेड़छाड़ों और इसके चलते दिखने वाले दीर्घकालिक परिणाम। इसके अलावा, यह बैंकिंग और वित्त क्षेत्रों के मुख्य स्तेकहोल्डरों जैसे कि संस्कारवादक, कंपनी बोर्ड, नियामक और रेटिंग एजेंसियों की भूमिका पर भी चर्चा करती है। बैंकिंग और वित्त दुनिया में एक सरल लेकिन सरल नहीं उपकरण, यह पुस्तक भारतीय नागरिकों के लिए एक रोचक और समयोचित चर्चा है।



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