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तेलंगाना में विश्व के पहले 3डी-मुद्रित मंदिर का अनावरण

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तेलंगाना ने सिद्दीपेट जिले के बुरुगुपल्ली में स्थित दुनिया के पहले 3डी-मुद्रित मंदिर का अनावरण किया है।

तेलंगाना ने दुनिया के पहले 3डी-मुद्रित मंदिर का अनावरण किया है, जो सिद्दीपेट जिले के बुरुगुपल्ली में स्थित एक अभूतपूर्व संरचना है। तीन माह की 3डी प्रिंटिंग प्रक्रिया के माध्यम से हासिल किया गया यह अभिनव निर्माण एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि है।

मंदिर का डिज़ाइन और निर्माण

यह मंदिर 4,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है और 35.5 फुट की ऊंचाई पर है। इसमें तीन अलग-अलग भाग शामिल हैं, प्रत्येक एक अलग देवता को समर्पित है:

  • भगवान गणेश के लिए मोदक: यह सैंक्चुएरी मोदक के आकार में निर्मित है। मोदक एक मीठा व्यंजन जो पारंपरिक रूप से भगवान गणेश को चढ़ाया जाता है।
  • भगवान शंकर के लिए वर्गाकार शिवालय: यह अभयारण्य चौकोर आकार का है और भगवान शिव को समर्पित है।
  • देवी पार्वती के लिए कमल के आकार की सैंक्चुएरी: यह सैंक्चुएरी कमल के फूल के आकार की है और देवी पार्वती को समर्पित है।

पवित्र स्थानों को स्थानीय स्तर पर विकसित सामग्रियों और सॉफ्टवेयर के साथ-साथ एक घरेलू प्रणाली का उपयोग करके सावधानीपूर्वक तैयार किया गया था।

पारंपरिक और भविष्यवादी तत्व

गर्भगृह 3डी प्रिंटिंग तकनीक की सरलता को प्रदर्शित करते हैं, मंदिर के शेष तत्व, जैसे खंभे, स्लैब और फर्श, पारंपरिक भवन तकनीकों का उपयोग करके बनाए गए थे। पारंपरिक और भविष्यवादी दृष्टिकोण का यह सामंजस्यपूर्ण मिश्रण मंदिर की विशिष्ट पहचान को दर्शाता है।

महत्व एवं उपलब्धि

अग्रणी मंदिर न केवल मंदिर वास्तुकला में निहित संरचनात्मक आवश्यकताओं और डिजाइन सिद्धांतों को पूरा करता है बल्कि 3डी प्रिंटिंग आवश्यकताओं की जटिलताओं को भी संबोधित करता है। यह इन-सीटू निर्माण से जुड़ी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करता है, जो प्राचीन परंपराओं और भविष्य की प्रौद्योगिकी के अभिसरण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

इस 3डी-मुद्रित मंदिर के सफल निर्माण से वास्तुकला और निर्माण के भविष्य के लिए नई संभावनाएं खुलती हैं। यह पारंपरिक शिल्प कौशल और कलात्मक अभिव्यक्ति को संरक्षित करते हुए जटिल और जटिल संरचनाएं बनाने के लिए 3डी प्रिंटिंग की क्षमता को प्रदर्शित करता है।

अतिरिक्त विवरण

  • मंदिर का निर्माण हैदराबाद स्थित अप्सुजा इंफ्राटेक ने 3डी प्रिंटिंग कंपनी सिंपलीफोर्ज क्रिएशन्स के सहयोग से किया था।
  • मंदिर की प्रिंटिंग में लगभग तीन माह लगे।
  • मंदिर के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली इन-हाउस 3डी प्रिंटिंग प्रणाली सिंपलीफोर्ज क्रिएशंस द्वारा विकसित की गई थी।
  • 3डी प्रिंटिंग के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री और सॉफ्टवेयर भी स्थानीय स्तर पर विकसित किए गए थे।

यह मंदिर अपने डिजाइनरों और बिल्डरों की सरलता और रचनात्मकता का प्रमाण है। यह वास्तुकला और निर्माण के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है, और यह निश्चित रूप से आर्किटेक्ट्स और इंजीनियरों की नई पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।

परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1: विश्व का पहला 3डी-प्रिंटेड मंदिर किस जिले में स्थित है?

उत्तर: तेलंगाना ने सिद्दीपेट जिले के बुरुगुपल्ली में स्थित दुनिया के पहले 3डी-मुद्रित मंदिर का अनावरण किया है।

प्रश्न 2: मंदिर का वर्गाकार फ़ुटेज कितना है?

उत्तर: मंदिर 4,000 वर्ग फुट में फैला है और 35.5 फुट की ऊंचाई पर है।

प्रश्न 3: तीनों गर्भगृह किन तीन देवताओं को समर्पित हैं?

उत्तर: भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती

प्रश्न 4: मंदिर के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली इन-हाउस 3डी प्रिंटिंग प्रणाली किस कंपनी ने विकसित की?

उत्तर: मंदिर का निर्माण हैदराबाद स्थित अप्सुजा इंफ्राटेक ने 3डी प्रिंटिंग कंपनी सिंपलीफोर्ज क्रिएशन्स के सहयोग से किया था।

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