भारत में बनेगा C-130J सुपर हरक्यूलिस का सबसे बड़ा MRO सेंटर, जानें सबकुछ

भारत की रक्षा अवसंरचना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और लॉकहीड मार्टिन ने बेंगलुरु में C-130J सुपर हरक्यूलिस विमानों के लिए अत्याधुनिक मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) सुविधा के निर्माण की शुरुआत कर दी है। यह केंद्र भारतीय वायुसेना (IAF) की ऑपरेशनल तैयारियों को मजबूत करेगा और दुनिया के सबसे भरोसेमंद टैक्टिकल एयरलिफ्टरों में से एक के दीर्घकालिक रखरखाव की क्षमता विकसित करेगा।

C-130J क्यों महत्वपूर्ण है?

C-130J Super Hercules एक बहुउद्देश्यीय, चार-इंजन वाला टर्बोप्रॉप सैन्य परिवहन विमान है, जो दुनिया भर में टैक्टिकल एयरलिफ्ट मिशनों के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ:

  • सैनिकों और उपकरणों का परिवहन

  • आपदा राहत व मानवीय सहायता मिशन

  • मेडिकल इवैकुएशन

  • सीमावर्ती ऊँचाई वाले क्षेत्रों में संचालन

भारत के पास वर्तमान में 12 C-130J विमान हैं, जो रणनीतिक व सामरिक मिशनों में उपयोग किए जाते हैं। लद्दाख और उत्तर-पूर्व जैसे कठिन इलाकों में इनकी उच्च-ऊँचाई क्षमता विशेष रूप से मूल्यवान है।

पृष्ठभूमि: टाटा–लॉकहीड साझेदारी

टाटा और लॉकहीड मार्टिन की साझेदारी कई वर्षों से कायम है। उनकी संयुक्त कंपनी Tata Lockheed Martin Aerostructures Ltd. (TLMAL) वैश्विक C-130J बेड़े के लिए एम्पेनेज (टेल असेंबली) का निर्माण करती है।

2025 में TLMAL ने 250वीं C-130J टेल असेंबली की डिलीवरी दर्ज की — जो भारत के वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में योगदान को दर्शाता है।

अब इस साझेदारी को MRO क्षेत्र तक बढ़ाया जा रहा है, ऐसे समय में जब लॉकहीड मार्टिन भारतीय वायुसेना के 80 मध्यम परिवहन विमानों के बड़े टेंडर में C-130J पेश कर रहा है।

बेंगलुरु MRO सुविधा की प्रमुख विशेषताएँ

यह सुविधा C-130J विमान के रखरखाव के लिए समर्पित भारत का पहला केंद्र होगा। यहाँ उपलब्ध होंगी:

  • भारी मेंटेनेंस और ओवरहॉल सेवाएँ

  • कंपोनेंट व संरचनात्मक मरम्मत

  • एवियोनिक्स अपग्रेड व परीक्षण

  • भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए प्रशिक्षण

  • भविष्य के मॉडलों (KC-130J, B–H श्रृंखला) के लिए समर्थन

यह न केवल भारत, बल्कि क्षेत्रीय C-130J संचालकों के लिए भी एक प्रमुख MRO हब बनेगा।

स्टैटिक जीके: विमानन में MRO क्या होता है?

MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) — विमान को सुरक्षित, सक्षम और उड्डयन योग्य बनाए रखने के लिए किए जाने वाले सभी निरीक्षण, मरम्मत, प्रतिस्थापन और ओवरहॉल का समग्र नाम है।

रक्षा क्षेत्र में घरेलू MRO की उपलब्धता:

  • लॉजिस्टिक देरी घटाती है

  • रणनीतिक स्वायत्तता बढ़ाती है

  • सैन्य संसाधनों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करती है

अब तक की प्रमुख प्रगति

  • ग्राउंडब्रेकिंग: 8 दिसंबर 2025

  • स्थान: बेंगलुरु, कर्नाटक

  • साझेदार: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड × लॉकहीड मार्टिन

  • लाभार्थी: भारतीय वायुसेना एवं क्षेत्रीय C-130J ऑपरेटर

  • सेवाएँ: मेंटेनेंस, स्ट्रक्चरल चेक, एवियोनिक्स, प्रशिक्षण

  • भविष्य सुविधाएँ: लेगेसी मॉडल व नए वेरिएंट का समर्थन

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vikash

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