तमिलनाडु सरकार ने एक परियोजना के जरिये नीलगिरि तहर के संरक्षण के लिए आदेश जारी किये। इसे देश में अपनी तरह की पहली परियोजना बताया जा रहा है। सरकार ने कहा कि 25.14 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना 2022-2027 के दौरान लागू की जाएगी और उपकरणों की मदद से तहर की संख्या का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण किये जाएंगे।
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तहर विलुप्तप्राय प्रजातियों की श्रेणी में आती है और यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम,1972 की अनुसूची-1 के तहत संरक्षित है। यह जंतु पश्चिमी घाट में स्थानिक है। इस स्थान को इसकी जैव विविधिता के लिए अपार वैश्विक महत्व के क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि परियोजना-नीलगिरि तहर- का लक्ष्य इसके मूल आश्रय को बहाल करना और इन्हें उन इलाकों में फिर से बसाना है, जहां वे मूल रूप से रहा करते थे।