तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विधानसभा में केंद्र-राज्य संबंधों, संवैधानिक प्रावधानों और नीतियों की समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की है। इस समिति का उद्देश्य राज्यों की स्वायत्तता को मजबूत करने के लिए सुझाव देना है। यह कदम भारतीय संविधान की संघीय भावना के अनुरूप उठाया गया है, खासकर उस पृष्ठभूमि में जब राज्यों की शक्तियों में कटौती को लेकर चिंता बढ़ रही है। तीन सदस्यीय यह समिति जनवरी 2026 तक अपनी अंतरिम रिपोर्ट और दो वर्षों के भीतर अंतिम सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
मुख्य बिंदु
समिति का विवरण
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घोषणा करने वाले: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन
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घोषणा की तिथि: 15 अप्रैल 2025
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प्रकार: उच्च स्तरीय समीक्षा समिति
सदस्य
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न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ (सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश) – अध्यक्ष
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के. अशोक वर्धन शेट्टी (सेवानिवृत्त आईएएस, पूर्व कुलपति, इंडियन मरीन यूनिवर्सिटी)
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एम. नागनाथन (पूर्व उपाध्यक्ष, राज्य योजना आयोग)
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अंतरिम रिपोर्ट: जनवरी 2026 तक
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अंतिम रिपोर्ट: दो वर्षों के भीतर
समिति का उद्देश्य
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केंद्र-राज्य संबंधों से जुड़े संविधान, कानूनों, नियमों और नीतियों की समीक्षा
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राज्य सूची से समवर्ती सूची में स्थानांतरित विषयों की पुनर्स्थापना हेतु सिफारिश
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राज्यों की प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने के उपाय सुझाना
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राष्ट्रीय एकता को प्रभावित किए बिना राज्यों की स्वायत्तता को बढ़ाने के लिए सुधार प्रस्तावित करना
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इन समितियों की सिफारिशों पर भी विचार:
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राजामन्नार समिति (1971)
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सरकारिया आयोग (1983)
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पुंछी आयोग (2004)
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ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
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1969: डीएमके के संस्थापक एम. करुणानिधि के नेतृत्व में राजामन्नार समिति का गठन
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1974: तमिलनाडु विधानसभा ने उसकी सिफारिशों को अपनाया
प्रमुख मुद्दे
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नीट (NEET) थोपे जाने का मुद्दा
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तमिलनाडु की समावेशी शिक्षा नीति को कमजोर करता है
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कोचिंग संस्थानों को बढ़ावा, वंचित छात्रों के लिए बाधा
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तमिलनाडु द्वारा पारित NEET छूट विधेयक को मंजूरी नहीं मिली
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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020
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त्रिभाषा फॉर्मूला से गैर-हिंदी राज्यों पर हिंदी थोपने का आरोप
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केंद्र ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत ₹2,500 करोड़ की राशि रोकी
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मांग: शिक्षा को फिर से राज्य सूची में लाया जाए
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वित्तीय स्वायत्तता
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GST लागू होने से राज्यों की राजकोषीय स्वतंत्रता में कमी
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तमिलनाडु का योगदान अधिक, लेकिन प्रति ₹1 पर केवल 29 पैसे मिलते हैं
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GST लागू करने में राज्य की आपत्तियों की अनदेखी हुई
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सीमा पुनर्निर्धारण (Delimitation) 2026 को लेकर चिंता
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जनसंख्या नियंत्रण में सफलता पाने वाले राज्यों को नुकसान
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तमिलनाडु की संसद में सीटें घट सकती हैं
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यह समिति तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों के अधिकारों की बहाली और संघीय ढांचे की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
विवरण | जानकारी |
समाचार में क्यों? | तमिलनाडु ने राज्य की स्वायत्तता मजबूत करने हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया |
समिति के अध्यक्ष | न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ (सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश) |
अन्य सदस्य | के. अशोक वर्धन शेट्टी, एम. नागनाथन |
अंतरिम रिपोर्ट की समयसीमा | जनवरी 2026 |
अंतिम रिपोर्ट की समयसीमा | दो वर्षों के भीतर |
समिति का कार्यक्षेत्र | केंद्र-राज्य कानूनों की समीक्षा, स्वायत्तता को बढ़ाने हेतु सुझाव देना |
ऐतिहासिक सन्दर्भ | राजामन्नार समिति (1969–1971) |
उठाए गए प्रमुख मुद्दे | NEET, GST, सीमा पुनर्निर्धारण (Delimitation), नई शिक्षा नीति 2020 (NEP), वित्तीय विकेंद्रीकरण |