स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 रिपोर्ट — जो स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत जारी की गई — ने एक बार फिर भारत के शहरी स्वच्छता प्रयासों में गहरी असमानता को उजागर किया है। जहाँ कुछ छोटे शहरों ने स्वच्छता बनाए रखने में सराहनीय प्रगति की है, वहीं देश के कई बड़े महानगर इस बार भी पिछड़ गए हैं। इस वर्ष (2025) की रिपोर्ट में मदुरै को भारत का सबसे गंदा शहर (Dirtiest City in India 2025) घोषित किया गया है, इसके बाद लुधियाना, चेन्नई, रांची, और बेंगलुरु का स्थान है।
स्वच्छ सर्वेक्षण एक वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण है जिसे आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत आयोजित किया जाता है।
यह भारत के शहरों का मूल्यांकन निम्न मानकों पर करता है:
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management)
नागरिक प्रतिक्रिया (Citizen Feedback)
स्वच्छता एवं स्वास्थ्य स्तर
नवाचार एवं सर्वोत्तम प्रथाएँ (Innovation & Best Practices)
यह सर्वेक्षण 4,000 से अधिक शहरी निकायों (ULBs) को कवर करता है और उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग जारी करता है ताकि प्रतिस्पर्धा और सतत सुधार को प्रोत्साहित किया जा सके।
| क्रमांक | शहर | स्कोर |
|---|---|---|
| 1 | मदुरै | 4823 |
| 2 | लुधियाना | 5272 |
| 3 | चेन्नई | 6822 |
| 4 | रांची | 6835 |
| 5 | बेंगलुरु | 6842 |
| 6 | धनबाद | 7196 |
| 7 | फरीदाबाद | 7329 |
| 8 | ग्रेटर मुंबई | 7419 |
| 9 | श्रीनगर | 7488 |
| 10 | दिल्ली | 7920 |
दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे आर्थिक रूप से सशक्त शहरों का प्रदर्शन कमजोर रहा।
तेज़ शहरीकरण
अपशिष्ट पृथक्करण की कमी
नागरिक अनुशासन की गिरावट
इन शहरों के कम अंक का मुख्य कारण रहे।
इंदौर, सूरत और नवी मुंबई जैसे शहर लगातार शीर्ष स्थान पर हैं — यह साबित करता है कि प्रभावी नागरिक भागीदारी और नगरपालिका प्रबंधन धन से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
“गार्डन सिटी” कहलाने वाला बेंगलुरु अब अनियंत्रित कचरा निपटान, भरे लैंडफिल और जाम नालियों से जूझ रहा है।
दोनों शहरों में —
ठोस कचरा पृथक्करण की कमी,
जलभराव की समस्या,
और कमजोर स्वच्छता तंत्र —
दीर्घकालिक शहरी नियोजन की कमज़ोरी को दर्शाते हैं।
अप्रबंधित ठोस कचरा, गंदे नाले और प्रदूषण ने वायु और जल गुणवत्ता को प्रभावित किया है, जिससे जनस्वास्थ्य और पर्यावरणीय जोखिम बढ़े हैं।
इंदौर, सूरत और नवी मुंबई को फिर से “सुपर स्वच्छ लीग” में स्थान मिला।
इनका मॉडल निम्न सिद्धांतों पर आधारित है:
घर-घर कचरा संग्रहण
पुनर्चक्रण (Recycling)
नागरिक जागरूकता और सहभागिता
अनियोजित शहरी विकास – पर्याप्त अपशिष्ट प्रबंधन अवसंरचना की कमी
नागरिक जागरूकता का अभाव – सफाई अभियानों में सीमित भागीदारी
अपशिष्ट पृथक्करण की कमी – जैविक और अकार्बनिक कचरे का मिश्रण
कमज़ोर प्रवर्तन – स्वच्छता उपनियमों का ढीला अनुपालन
उपेक्षित नालियाँ और लैंडफिल – भरे हुए डंपिंग यार्ड और अनुपचारित गंदा पानी
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने सभी निम्न-रैंक वाले शहरों को निर्देश दिए हैं कि वे—
स्रोत स्तर पर कचरा पृथक्करण को बढ़ावा दें
आधुनिक कचरा प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करें
नगरपालिका निगरानी प्रणालियों को मज़बूत करें
नागरिक जागरूकता अभियानों को तेज़ करें
साथ ही, स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत स्मार्ट तकनीक और डेटा-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम को जोड़ा जा रहा है, ताकि कचरा निपटान और निगरानी अधिक कुशल और पारदर्शी बन सके।
सर्वेक्षण नाम: स्वच्छ सर्वेक्षण 2025
जारीकर्ता: आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA)
मिशन: स्वच्छ भारत मिशन (शहरी)
सर्वाधिक गंदा शहर: मदुरै
स्लोगन: “स्वच्छ शहर, स्वस्थ नागरिक”
कुल शामिल शहरी निकाय: 4000+
उद्देश्य: स्वच्छता में प्रतिस्पर्धा, नवाचार और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देना
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