भारत ने हाल ही में मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 4 का परीक्षण किया। ओडिशा के चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से इस मिसाइल को लॉन्च किया गया। परीक्षण के दौरान यह मिसाइल अपने सभी मानकों पर सफल रहा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इस मिसाइल ने परीक्षण के दौरान सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को मान्य किया।
यह परीक्षण भारत के परमाणु कमान प्राधिकरण (एनसीए) के हिस्से, सामरिक बल कमान के तहत किया गया था। अग्नि-4, जिसकी लंबाई 20 मीटर है, 1,000 किलोग्राम की पेलोड क्षमता के साथ 4,000 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है, और इसे रोड-मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है। मिसाइल, जिसे शुरू में अग्नि-2 प्राइम के नाम से जाना जाता था, ने 2012 के अपने परीक्षण प्रक्षेपण में 3,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी सफलतापूर्वक तय की।
पृष्ठभूमि
अग्नि मिसाइल श्रृंखला को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, अग्नि-4 भारत की मिसाइल प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। श्रृंखला में अगला अग्नि-5, लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों में भारत की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करता है।
सामरिक महत्व
यह परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं, विशेष रूप से इसकी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, क्योंकि अग्नि-4 की रेंज क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण हिस्से को कवर करती है, जिससे सामरिक रक्षा क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होती है।
तकनीकी उपलब्धियाँ
मिसाइल की मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म से लॉन्च करने की क्षमता और इसका पेलोड लचीलापन इसकी परिचालन बहुमुखी प्रतिभा को रेखांकित करता है, जो महत्वपूर्ण परिदृश्यों में तेजी से तैनाती और तत्परता सुनिश्चित करता है।