फ्रांस के सेर्गी में तमिल कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर की प्रतिमा का 10 दिसंबर, 2023 को अनावरण किया गया। तिरुवल्लुवर दक्षिण भारत के महान संत थे। इन्हें दक्षिण भारत का कबीर भी कहा जाता है। तिरुवल्लुवर ने संगम साहित्य में ‘तिरुक्कुरल’ या ‘कुराल’ (Tirukkural or ‘Kural’) की रचना की थी। तिरुक्कुरल की तुलना विश्व के प्रमुख धर्मों की महान पुस्तकों से की गई है। संत तिरुवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व पहली शताब्दी में हुआ था। उन्हें बुद्धिमत्ता एवं ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। उनका लेखन विश्व भर में लाखों लोगों को प्रेरित करता है। शैव, वैष्णव, बौद्ध और जैन सहित हर मत के लोग तिरुवल्लुवर को मानते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के सेर्गी में तमिल कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर की प्रतिमा के अनावरण की प्रशंसा की है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, श्री मोदी ने कहा कि यह प्रतिमा भारत और फ्रांस के साझा सांस्कृतिक संबंधों का सजीव प्रमाण है। उन्होंने कहा कि तिरुवल्लुवर बुद्धि और ज्ञान के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित हैं और उनका लेखन दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में बैस्टिल दिवस के लिए पेरिस यात्रा में इस संबंध में घोषणा की थी और प्रतिमा का अनावरण इसका क्रियान्वयन है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह प्रतिमा हजारों लोगों को तिरुवल्लुवर के नेक विचारों का पालन करने के लिए प्रेरिक करेगी। यह दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक संबंधों का एक और प्रतीक है। इससे विश्व में संदेश जाएगा कि भारत-फ्रांस सच्चे मित्र हैं।
बता दें, उत्तर भारत में तुलसी, सूरदास, कबीर और रसखान का जो स्थान है। वही दक्षिण भारत में संत एवं प्रख्यात कवि तिरुवल्लुवर का है। दक्षिण में उनके रचित ग्रंथ और संग्रह रामचरितमानस की तरह पढ़े जाते हैं। कई विश्वविद्यालयों में संत तिरुवल्लुवर पर आधारित शोधपीठ विद्यमान है। उनका जन्म ईसा पूर्व पहली शताब्दी में हुआ था। तब से आज तक तिरुवल्लुवर के ग्रंथ दक्षिण भारत के चारों राज्यों में घर-घर विद्यमान हैं।
प्र. तिरुवल्लुवर को आमतौर पर किस प्रकार संदर्भित किया जाता है, और वह किस लिए प्रसिद्ध हैं?
उत्तर: तिरुवल्लुवर, जिन्हें आमतौर पर वल्लुवर के नाम से जाना जाता है, तिरुक्कुसांग लिखने के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्र. तिरुवल्लुवर के प्रभाव की अवधि क्या है, और विद्वान कामिल ज्वेलेबिल ने तिरुक्कुस और वल्लुवर के लिए डेटिंग का सुझाव कब दिया है?
उत्तर: प्रभाव की अवधि चौथी शताब्दी ईसा पूर्व और प्रारंभिक पाँचवीं शताब्दी ईस्वी के बीच है, जिसका काल लगभग 500 ईस्वी पूर्व सुझाया गया है।
Q. फ्रांस के सेर्जी में तिरुवल्लुवर की मूर्ति का उद्घाटन किस संदर्भ में हुआ?
उत्तर: उद्घाटन सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने और भारत और फ्रांस के बीच स्थायी संबंध को दर्शाने के प्रयासों के तहत हुआ।
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