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स्पेसएक्स भारत के संचार उपग्रह जीसैट-20 को लॉन्च करेगा

भारत का भारी संचार उपग्रह जीसैट-20, जिसका वजन 4,700 किलोग्राम है, 19 नवंबर 2024 को एलन मस्क के स्पेसएक्स द्वारा अमेरिका के केप कैनावेरल से लॉन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित यह उपग्रह आवश्यक संचार सेवाएं प्रदान करेगा।

भारत का भारी संचार उपग्रह GSAT-20, जिसका वजन 4,700 किलोग्राम है, 19 नवंबर, 2024 को एलन मस्क के स्पेसएक्स द्वारा केप कैनावेरल, यूएसए से लॉन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित यह उपग्रह दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी सहित आवश्यक संचार सेवाएं प्रदान करेगा। यह भारत के अंतरिक्ष प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह उपग्रह भारत के अपने प्रक्षेपण यान, LVM-3 “बाहुबली” के लिए बहुत भारी है।

प्रमुख बिंदु

लॉन्च तिथि और स्थान

  • दिनांक: 19 नवंबर, 2024
  • स्थान: केप कैनावेरल, संयुक्त राज्य अमेरिका
  • प्रक्षेपण यान: स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट

उपग्रह विनिर्देश

  • नाम: जीसैट-20 (जिसे जीसैट एन-2 भी कहा जाता है)
  • वजन: 4,700 किलोग्राम
  • परिचालन अवधि: 14 वर्षों तक परिचालन में बने रहने की उम्मीद
  • कार्य: भारत के दूरदराज के क्षेत्रों के लिए इंटरनेट सहित महत्वपूर्ण संचार सेवाएं प्रदान करना

स्पेसएक्स की भूमिका

  • इस उपग्रह को स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट का उपयोग करके प्रक्षेपित किया जाएगा।
  • फाल्कन-9 की क्षमता: 8,300 किलोग्राम तक के पेलोड को भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम।

स्पेसएक्स को चुनने के कारण

  • जीसैट-20 इसरो के अपने एलवीएम-3 (बाहुबली) रॉकेट के लिए बहुत भारी है।
  • फ्रांसीसी कंपनी एरियनस्पेस पर पहले की निर्भरता अब व्यवहार्य नहीं थी, क्योंकि एरियनस्पेस के पास परिचालन रॉकेटों का अभाव था।
  • स्पेसएक्स ऐसे भारी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए एक विश्वसनीय और लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करता है।

महत्व

  • जीसैट-20 उपग्रह भारत के संचार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
  • यह भारत की उपग्रह प्रक्षेपण रणनीति में बदलाव का संकेत है, जिसमें एरियनस्पेस की अनुपलब्धता के कारण स्पेसएक्स पर निर्भरता बढ़ गई है।
  • स्पेसएक्स के साथ हुए समझौते को अनुकूल माना जा रहा है, क्योंकि यह भारी पेलोड के प्रक्षेपण के लिए लागत प्रभावी समाधान प्रदान करता है।
सारांश/स्थैतिक विवरण
चर्चा में क्यों? एलन मस्क की स्पेसएक्स भारत के भारी संचार उपग्रह जीसैट-20 को लॉन्च करेगी
लॉन्च तिथि और स्थान दिनांक: 19 नवंबर, 2024,

स्थान: केप कैनावेरल, यूएसए, प्रक्षेपण यान: स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट

उपग्रह विनिर्देश नाम: जीसैट-20 (जीसैट एन-2),

वजन: 4,700 किलोग्राम,

परिचालन जीवन : 14 वर्ष, दूरदराज के क्षेत्रों के लिए इंटरनेट सहित संचार सेवाएं प्रदान करता है

स्पेसएक्स की भूमिका फाल्कन-9 रॉकेट से जीसैट-20 को प्रक्षेपित किया जाएगा, फाल्कन-9 की क्षमता: 8,300 किलोग्राम, भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा में
स्पेसएक्स को चुनने के कारण इसरो के एलवीएम-3 (बाहुबली) के लिए जीसैट-20 बहुत भारी है, एरियनस्पेस पर पहले की निर्भरता अब व्यवहार्य नहीं है, स्पेसएक्स विश्वसनीय और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करता है
महत्व भारत के संचार बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है, स्पेसएक्स पर निर्भरता बढ़ाने की ओर कदम बढ़ाता है, भारी पेलोड प्रक्षेपणों के लिए अनुकूल और लागत प्रभावी सौदा करता है
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Sanjeev Kumar

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